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उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान से विवाद !

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए बयान से विवाद की आँच उत्तर भारत तक पहुँच गई है.

दरअसल, बीते शुक्रवार यानी एक सितंबर को मार्क्सवादी पार्टी से जुड़ा संगठन तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ की ओर से चेन्नई के कामराजार एरिना में सनातन उन्मूलन सम्मेलन का आयोजन किया गया था.

इसमें भाग लेते हुए उदयनिधि स्टालिन ने भारतीय मुक्ति संग्राम में आरएसएस का योगदान शीर्षक से व्यंग्यचित्रों वाली एक पुस्तक का विमोचन किया. उन्होंने सनातन धर्म और बीजेपी को लेकर भी भाषण दिया था.

उदयनिधि स्टालिन ने अपने संबोधन में कहा था, “इस सम्मेलन का शीर्षक बहुत अच्छा है. आपने ‘सनातन विरोधी सम्मेलन’ के बजाय ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ का आयोजन किया है. इसके लिए मेरी बधाई. हमें कुछ चीज़ों को ख़त्म करना होगा.”

”हम उसका विरोध नहीं कर सकते. हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए.”

“हमें इसका उन्मूलन करना चाहिए. सनातन धर्म भी ऐसा ही है. तो पहली चीज़ यही है कि हमें इसका विरोध नहीं करना है बल्कि इसका उन्मूलन करना है. सनातन समानता और सामाजिक न्याय के ख़िलाफ़ है. इसलिए आपलोगों ने सम्मलेन का शीर्षक अच्छा रखा है. मैं इसकी सराहना करता हूँ.”

“फासीवादी ताक़तें हमारे बच्चों को पढ़ने से रोकने के लिए कई योजनाएं लेकर आ रही हैं. सनातन की नीति यही है कि सबको नहीं पढ़ना चाहिए. एनईईटी परीक्षा इसका एक उदाहरण है.”

उनकी इन्हीं बातों को सनातन धर्म के विरोध और उसे ख़त्म करने के संबोधन के तौर पर पूरे देश में बताया जा रहा है. इसकी शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के आईटी विंग के प्रमुख अमित मालवीय ने दो सितंबर को की.

उन्होंने दो सितंबर उदयनिधि स्टालिन के भाषण का एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि ‘उदयनिधि ने “भारत में सनातन धर्म का पालन करने वाले 80 प्रतिशत लोगों को ख़त्म करने” का आह्वान किया था.’

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस बयान को लेकर कई बयान सामने आए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उदयनिधि के भाषण की निंदा की.

राजस्थान के डूंगरपुर में एक जनसभा में अमित शाह ने कहा, “भारतीय गठबंधन की दो सबसे बड़ी पार्टियों डीएमके और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बेटे सनातन धर्म को ख़त्म करने की बात कर रहे हैं. क्या आप सनातन धर्म को ख़त्म करने के लिए तैयार हैं?”

देश भर के हिंदू संगठनों के तमाम नेताओं और सदस्यों ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर उदयनिधि के बयान की निंदा की.

तमिलनाडु में बीजेपी के मौजूदा राज्य सचिव ए. अश्वत्थामन ने राज्यपाल आरएन रवि से उदयनिधि के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी. वहीं दिल्ली में विनीत जिंदल ने उदयनिधि के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस में चार धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई है.

वहीं कई मीडिया आउटलेट्स ने उदयनिधि के संबोधन की आलोचना करते हुए लिखा है कि इससे आने वाले दिनों संयुक्त विपक्ष यानी इंडिया गठबंधन को नुकसान हो सकता है.

कई टीवी चैनलों पर इस तरह के डिबेट प्रोग्राम भी प्रसारित हुए हैं. लेकिन यह सब केवल उत्तर भारत में देखने को मिला है.

जहाँ तक तमिलनाडु की बात है तो वहाँ लंबे समय से सनातन विरोधी राजनीति चली आ रही है. उदयनिधि के इस भाषण को उसी के एक हिस्से के तौर पर देखा गया है.

द्रविड़ कषगम के संस्थापक नेता पेरियार ने हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ कड़े विचार व्यक्त किए थे. वे जीवन भर हिंदू धर्म के उन्मूलन, रामायण के विरोध और मंदिरों के उन्मूलन पर लेख लिखते रहे.

उनके बाद द्रविड़ कषगम और पेरियार के अनुयायी समय-समय पर ऐसे विचार व्यक्त करते आए हैं.

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