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मध्य प्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर बदलेंगी जिलों की सीमाएं

मध्य प्रदेश में प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग अध्ययन करने के बाद प्रदेश के जिलों, तहसील, विकास खंडों की सीमाओं को बदलने कार्यवाही की जाएगी। मध्य प्रदेश में अभी हुए नए जिलों के गठन में कई गड़बड़‍ियां सामने आईं थी। अब यह तय किया जाएगा किसी क्षेत्र के भौगोलिक आधार के अनुसार उसे किस जिले में रखा जाना चाहिए।

भोपाल। मध्य प्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर विकास खंड, तहसील और जिलों की सीमाएं निर्धारित की जाएंगी। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित करने जा रही है। यह आयोग भौगोलिक आधार पर जिले की सीमाओं का निर्धारण करेगा।

इसका आशय यह हुआ कि बुधनी तहसील का जिला मुख्यालय सीहोर भौगोलिक आधार पर क्या सही है, यदि नहीं तो इसे नजदीकी जिला नर्मदापुरम से जोड़ा जाएगा। इस तरह की विसंगतियां जिन जिलों में हैं, उन सभी जिलों में आयोग राजस्व, वन, नगरीय निकाय और पंचायत विभाग के समन्वय से प्रदेश की समस्त सीमाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट बनाएगा।

जिलों की सीमा बदलने की कार्यवाही होगी

आयोग के अध्ययन के बाद प्रदेश में जिलों की सीमा बदलने की कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि राजनीतिक कारणों से कई जिलों के गठन से सीमाओं की कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सरकार ने बिना जिला पुनर्गठन आयोग के जिले बना दिए, इस कारण भी कई जगह विसंगतियां आ गई हैं।

सीमाओं का अध्ययन कर बनाएंगे रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में संभागों एवं जिलों की सीमाएं बदलने के लिए आयोग गठित किया जाएगा। यह आयोग राजस्व, वन, नगरीय विकास एवं आवास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से प्रदेश की समस्त सीमाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट बनाएगा।

आयोग के अध्ययन के बाद प्रदेश में संभागों एवं जिलों की सीमा बदलने की कार्यवाही की जाएगी। इस आयोग के गठन के लिए मुख्य सचिव वीरा राणा के स्तर पर कार्यवाही चल रही है। राज्य सरकार के अनुसार लोकहित एवं जनसुविधा को ध्यान में रखकर संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद आदि की सीमाओं के युक्तियुक्तकरण करने की कार्यवाही के लिए यह निर्णय लिया गया है।

नए जिलों की सीमाएं प्रभावित होंगी

जल्द ही इस आयोग के गठन एवं इसके अध्यक्ष की अधिसूचना जारी की जाएगी। सीमाओं को बदलने की प्रक्रिया में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी विचार विमर्श किया जाएगा। संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद आदि की सीमाओं के बदलने से शिवराज सरकार में गठित नए जिलों की सीमाएं भी प्रभावित होंगी।

नागदा को जिला बनाने की घोषणा हुई थी

तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सतना जिले से अलग कर मैहर, छिंदवाड़ा जिले को विगठित कर पांढुर्णा और रीवा जिले को विगठित कर मऊगंज जिला बनाया गया है। निवाड़ी को पहले ही सरकार जिला बना चुकी है। हालांकि नागदा जिले की घोषणा कर दी गई, लेकिन जिला नहीं बनाया जा सका। अब जुन्नारदेव को भी जिला बनाने के विकल्प पर कार्यवाही चल रही है। आयोग इन जिलों की सीमाओं का भी अध्ययन कराएगा।

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