Site icon Oyspa Blog

पहली बार मंत्रियों के नहीं आने पर कैंसिल हुई कैबिनेट बैठक – 30 में सिर्फ 7 मंत्री ही पहुंचे

शायद ऐसा पहली बार हुआ, जब शिवराज कैबिनेट की बैठक में अधिकांश मंत्री नहीं पहुंचे। उनकी तरफ से अनुपस्थिति की सूचना भी नहीं दी गई। बैठक के तय समय पर 30 में सिर्फ 7 मंत्री ही पहुंचे। मुख्यमंत्री कार्यालय से मंत्रियों को फोन भी किया गया। तीन बार बैठक का समय बढ़ाया गया। फिर भी जब कोरम पूरा नहीं हुआ, तो बैठक को रद्द कर दिया गया।

इस बैठक में कैबिनेट मेडिकल कॉलेजों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को पदस्थ करने संबंधी एक प्रस्ताव पर फैसला लेने वाली थी, जिसके खिलाफ डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। ऐसे में बताया गया कि सरकार ने हड़ताल खत्म कराने के लिए बैठक ही स्थगित कर दी, जबकि ऐसा कुछ नहीं था।

बैठक रद्द होने की असल वजह मंत्रियों की गैरमौजूदगी थी, लेकिन क्यों? सुना है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश के मंत्रियों की ड्यूटी गुजरात चुनाव प्रचार में लगा दी। इसके लिए बाकायदा मंत्रियों को राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने पत्र भेजा था। कई मंत्रियों को 24 घंटे के कॉल पर गुजरात जाना पड़ा।

खास बात यह है कि इसकी जानकारी औपचारिक और अनौपचारिक किसी भी तरह से सरकार को नहीं दी गई। इतना ही नहीं, मंत्रियों के जातिगत प्रभाव से लेकर उनका पूरा बायोडाटा दिल्ली बुलाया गया, लेकिन यह खबर भी सरकार और प्रदेश नेतृत्व को नहीं थी।

इसको लेकर एक मंत्री ने कहा- ऐसा भी पहली बार हुआ, जब मंत्रियों को सीधे निर्देश दिल्ली से दिए गए और सरकार को इसकी सूचना तक नहीं दी गई। मंत्रियों को जो पत्र भेजा गया, उसकी प्रतिलिपि गुजरात प्रदेश अध्यक्ष को तो भेजी गई, लेकिन मध्यप्रदेश संगठन को नहीं।

Exit mobile version