Site icon Oyspa Blog

सिंधिया की ज़िद : चाहिए पसंद के अफसर, दो दर्जन कलेक्टर श्रीमंत की सिफारिश पर बनेंगे !

प्रदेश में एक बार फिर बड़े  पेमाने पर प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी की जा रही है। यह प्रशासनिक सर्जरी  सिंधिया की पसंद से होगी।

सूत्रों की  मानें, तो लगभग दो दर्जन जिलों में कलेक्टर एसपी और चार संभागों में कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक की नियुक्ति में सिंधिया की राय को तवज्जो दी जाएगी ! इनमें ग्वालियर संभाग के पांच जिले और चंबल संभाग के तीन जिले शामिल हैं।

इन जिलों में ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, मुरैना, शिवपुर और भिंड जिला शामिल है। इसके अलावा प्रदेश के सबसे ताकतवर कमिश्नरी और कलेक्टरी माने जाने वाला इंदौर संभाग भी शामिल है। इंदौर संभाग के तहत आठ जिले हैं। इनमें मालवा के साथ में उज्जैन भी शामिल है।

इंदौर और उज्जैन संभाग के कुछ जिले कभी ग्वालियर राजघराने के हिस्सों में शामिल रहे हैं। लिहाजा सिंधिया इन जिलों की कमान अपने पास ही रखना चाहते हैं। इंदौर संभाग में सबसे महत्वपूर्ण जिला इन्दौर है।

इसके बाद संभागों में भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर आते हैं। इंदौर संभाग में इंदौर के अलावा धार, खरगोन, बड़वानी और झाबुआ शामिल हैं। इसके अलावा उज्जैन संभाग की प्रशासन नियंत्रण भी सिंधिया के पास ही होगी।

इस संभाग में सात जिले शामिल हैं। उज्जैन के अलावा देवास, रतलाम, शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर और नीमच जिला शामिल है। इस तरह इन 4 संभागों में 23 जिले हैं, जहां का प्रशासनिक नियंत्रण सिंधिया के पास रह सकता है।

जमावट बजट सत्र के बाद… राजनीतिक सूत्रों की मानें तो सिंधिया की पसंद के हिसाब से इन संभागों में जमावट विधानसभा के बजट सत्र के बाद ही होगा।

बजट सत्र 20 जुलाई से है। पांच दिनी सत्र 24 जुलाई तक आहूत होगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यह प्रशासनिक जमावट सत्र के बाद होगी। जिससे कि विधानसभा उपचुनाव से पहले सिंधिया को शिकायत का कोई मौका नहीं मिले।

Exit mobile version