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कभी सब्जी बेचने वाला बना अरबपति, लड़की की चाहत में कर दी जिंदगी तबाह

दक्षिण भारतीय रेस्टोरेंट चेन सरवना भवन के मालिक पी राजगोपाल ने मंगलवार को चेन्नई के सेशन कोर्ट में सरेंडर कर दिया. राजगोपाल और एक अन्य दोषी जनार्दनन को एक कर्मचारी की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. मद्रास हाई कोर्ट ने 2009 में राजगोपाल को 2001 में संतकुमार की हत्या करने के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. बताया जाता है कि राजगोपाल ने एक ज्योतिष की सलाह पर संतकुमार की पत्नी के साथ विवाह करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने हत्या को अंजाम दिया. 

दरअसल, राजगोपाल एक ज्योतिष के कहने पर अपने ही कर्मचारी की बेटी जीवाज्योति से शादी करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने संतकुमार की हत्या करवा दी.  बताया जाता है कि राजगोपाल को उनके कर्मचारी बड़ा भाई के नाम से बुलाते हैं. यहां तक कि हर रेस्टोरेंट में उनकी ऑटोबायग्राफी में उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी होती है, लेकिन उनकी एक चाहत ने उन्हें आज सलाखों के पीछे पहुंचा दिया

राजगोपाल ज्योतिष विद्या पर आंख बंद करके विश्वास करते थे. उन्हें लगता था कि ज्योतिष के ही बदौलत वो कामयाब हुए थे और उनका बिजनेस दुनिया भर में फैला. बताया जाता है कि राजगोपाल के पिता तमिल नाडु के तूतीकोरिन में प्याज की खेती किया करते थे. लेकिन खेती से वो आगे बढ़ना चाहते थे इसलिए वो मद्रास (अब चेन्नई) आ गए. यहां उन्होंने सब्जी की दुकान डाली. 30 साल पहले मद्रास में कुछ ही खाने की दुकानें हुआ करती थीं. उस दौर में उन्हें रेस्टोरेंट खोलने की एक ज्योतिष ने सलाह दी ज्योतिष की सलाह पर राजगोपाल ने चेन्नई में सन 1981 में पहला रेस्टोरेंट खोला. फिर पिता के साथ राजगोपाल भी बिजनेस संभालने लगे

राजगोपाल उस वक्त अपने रेस्टोरेंट में एक रुपये में डोसा, इडली समेत कई आइटम परोसते थे. शुरूआती दौर में उन्हें सस्ता बेचने पर काफी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने कीमत और क्वालिटी पर कोई समझौता नहीं किया. इसका असर यह हुआ कि समय के साथ राजगोपाल की दुकान पर भीड़ उमड़ने लगी और वो उनका रेस्टोरेंट बिजनेस चल पड़ा.

देखते ही देखते उनका बिजनेस दुनिया भर में मशहूर हो गया. आज उनके भारत में 39, विदेशों में 43 आउटलेट हैं. इसके अलावा 16 आउटलेट अभी सरवना खोलने की तैयारी में है और उनका टर्नओवर अरबों में पहुंच चुका है.

बताया जाता है कि एक ज्योतिष की सलाह पर ही राजगोपाल सरवना भवन चेन्नई ब्रांच के असिस्टेंट मैनेजर की बेटी जीवाज्योति से शादी करना चाहते थे. ज्योतिष ने उन्हें कहा था कि यदि वो जीवाज्योति से तीसरी शादी करेंगे तो उनका बिजनेस और तरक्की कर जाएगा. 

जीवाज्योति के सामने जब राजगोपाल के शादी का प्रस्ताव रखा गया तो यह पता लगा कि वो प्रिंस संतकुमार से प्यार करती है और उसके साथ ही शादी करना चाहती है. राजगोपाल के मना करने के बावजूद जीवाज्योति ने प्रिंस संतकुमार से शादी कर ली.  यह बात राजगोपाल को नागवार गुजरी. ज्योतिष की जीवाज्योति से शादी की सलाह राजगोपाल के मन में इस कदर घर कर गई थी कि शादी के बाद भी राजगोपाल जीवाज्योति को प्रिंस संतकुमार से किसी तरह अलग करके अपनी तीसरी पत्नी बनाना चाहते थे. 

इसके लिए उन्होंने 8 लोगों को प्रिंस संतकुमार के हत्या की सुपारी दी. आरोपियों ने चेन्नई स्थित संतकुमार के घर से अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी. ये मामला अक्टूबर 2001 का है. प्रिंस संतकुमार का मृत शरीर कोडाई पहाड़ियों के जंगल से उसी साल 31 अक्टूबर को पुलिस ने बरामद किया. इसके बाद यह मामला करीब 18 साल तक कोर्ट में रहा और अब जाकर उन्होंने समर्पण किया. 




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