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लगातार 12वें दिन बढ़ी तेल कीमतें, मध्य प्रदेश में पेट्रोल 83 रुपए के पार पहुंचा

तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार 12वें दिन भी बढ़ा दिए। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 83 और 72 रुपए पार कर गईं। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब पेट्रोल की कीमतें 83 रुपए पहुंच गईं। शुक्रवार को तेल कंपनियों ने फिर से पेट्रोल में 37 पैसे और डीजल में 30 पैसे महंगा कर दिया। अब भोपाल में पेट्रोल के दाम बढ़कर 83.49 रुपए और डीजल की कीमत 72.40 रुपए हो गई। कर्नाटक चुनावों के बाद से पेट्रोलियम मूल्य बढ़ने शुरू हुए थे। प्रदेश में एक हफ्ते में पेट्रोल की कीमतें करीब 3 रुपए बढ़ गई है। 18 मई को पेट्रोल की कीमत 81.23 रुपए थी।

– अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते सरकारी तेल कंपनियों तेल की कीमतों बढ़ा रही हैं। लगातार बढ़ोतरी के बाद अब इसका साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है, बताया जा रहा है कि डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद अब माल भाड़े में 3 फीसदी बढ़ सकता है।

राज्य कर सकते हैं कीमत में कटौती

-नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा कि राज्य और केंद्र दोनों के पास शुल्क कम करने का अधिकार हैं, राज्य तेल व मूल्य के अनुसार पर लगाते हैं। इसलिए उनके पास ज्यादा गुंजाइश हैं केंद्र की तुलना में राज्य बेहतर ढंग से कटौती कर सकते हैं, उपाध्यक्ष ने कहा कि राज्यों में पेट्रोल पर औसतन 27 फीसदी टैक्स लगा रहे हैं।

वित्त मंत्री कह चुके हैं नहीं घटाएंगे वैट
– इधर, प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा था कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर लगा वैट टैक्स नहीं हटाएगा। इस पर भास्कर ने जब उनसे पूछा कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो वह क्या सरकार उसका समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि वह इस बात का समर्थन करेंगे, लेकिन ये भी देखना होगा कि प्रदेश सरकार को इसमें घाटा तो नहीं लग रहा।

इसलिए बढ़ रही हैं कीमतें
– पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने पिछले दिनों प्रोडक्शन घटाया है जिससे मांग बढ़ी है और तेल के दामों में इजाफा हुआ है।
– अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के बेंच मार्क रेट 84.97 डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं। महीने भर पहले 24 अप्रैल को ये 74.84 डॉलर प्रति बैरल थे।
– पिछले हफ्ते क्रूड ऑयल का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा। नवंबर 2014 के बाद पहली बार दाम इस स्तर पर पहुंचे हैं।
– कर्नाटक चुनाव से पहले दाम स्थिर रखने से तेल कंपनियों को 500 करोड़ के घाटे का अनुमान है। नुकसान की भरपाई के लिए कंपनियां लगातार कीमतें बढ़ा रही हैं।

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