राजस्थान के भरतपुर जिले के चर्चित राजा मानसिंह हत्याकाण्ड में मथुरा की जिला अदालत ने पुलिस उपाधीक्षक समेत 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा का एलान कर दिया है. अदालत ने इस मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया था और आरोपी पुलिसकर्मियों में से तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक सहित 11 को दोषी करार दिया था. वहीं, तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया था. कल ही दोषी पाए गए सभी पुलिसकर्मियों को जमानत रद्द कर जेल भेजा गया था.
कितना लंबा चला केस
राजा मानसिंह हत्याकांड में 14 में से 11 आरोपियों को मथुरा की जिला अदालत ने दोषी ठहराया था और गौरतलब है कि ये मामला 35 साल पहले का है. इस समय ज्यादातर आरोपियों की आयु लगभग 80 साल से ऊपर हो चुकी है. बता दें कि बेहद लंबे चले इस मुकदमे में कुल मिलाकर करीब 1700 तारीखें पड़ने की बात कही गई है.
क्या था मामला
35 साल पहले भरतपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान 21 फरवरी 1985 को एक घटना में डीग से स्वतंत्र चुनाव लड़ रहे राजा मानसिंह को उनके द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की चुनावी सभा के लिए तैयार किए गए मंच को अपनी जोंगा जीप से टक्कर मारकर तोड़ दिए जाने के कथित आरोप में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक कानसिंह भाटी सहित डेढ़ दर्जन पुलिसकर्मियों ने घेर कर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी थीं.’
इस घटना में राजा मानसिंह और उनके दो अन्य साथी सुम्मेर सिंह और हरी सिंह की मौत हो गई थी. घटना के बाद तीनों के शव जोंगा जीप में पड़े मिले थे. राजा मानसिंह के साथ उस समय मौजूद उनके दामाद एवं उनकी पुत्री दीपा कौर के पति विजय सिंह सिरोही की जान बच गई थी. उन्होंने अगले दिन इस मामले में डीएसपी कानसिंह भाटी सहित थानाध्यक्ष, निरीक्षक व उप निरीक्षक सहित 18 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. इसी दिन पुलिस ने भी राजा मानसिंह के विरुद्ध डीग थाने में पुलिस पर हमला एवं गोलीबारी करने का मामला दर्ज कराया था.