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पंजाबः फोन टैपिंग से नाराज कांग्रेस के 4 विधायक हुए बागी, खोला मोर्चा

कर्नाटक में अपने विधायकों की बगावत के कारण सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस की पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद से किरकिरी हो चुकी है. अब फोन टैपिंग का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के हरदयाहल कंबोज, मदनलाल जलालपुर समेत चार विधायकों ने अपनी सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए हैं.

पिछले दिनों फोन टैपिंग के आरोप लगाने वाले सत्ताधारी कांग्रेस के 4 विधायकों ने अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नाराज विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात का समय मांगा था. मुख्यमंत्री ने समय नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने नाराज विधायकों से बात करने की जिम्मेदारी अपने पॉलिटिकल एडवाइजर संदीप संधु को दे दी. विधायकों ने संधु को क्लर्क बता कर बात करने से ही इनकार कर दिया. खास बात यह है कि ये चारों ही विधायक कैप्टन के जिले पटियाला के ही हैं. विधायकों ने दावा किया है कि प्रदेश के 40 कांग्रेसी विधायक नाराज हैं. इन 40 विधायकों ने उनसे संपर्क साधकर अपना समर्थन दिया है.

क्या है आरोप

नाराज विधायकों ने आरोप लगाया कि अफसरशाही विधायकों पर भारी है. अधिकारी विधायकों की नहीं सुन रहे. विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र की पुलिस पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि अधिकारियों की दादागीरी की बात लगातार उठाए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बात करने के लिए भी समय नहीं दिया. विधायकों ने कहा कि अगर पंजाब को नशे से मुक्त बनाना है तो सालों से एक ही जगह जमे पुलिस अधिकारियों को बदलना होगा, सरकार को पुलिस पर सख्ती करनी होगी. चारों विधायकों ने कहा कि अपनी ही सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही. जब विधायकों की नहीं सुनी जा रही तो आम नागरिकों का क्या होगा.

आप ने दिया शामिल होने का न्योता

कांग्रेस विधायकों के बागी तेवरों के बीच आम आदमी पार्टी ने भी सियासी पासा चल दिया है. आप पंजाब के को-प्रेसिडेंट और विधायक अमन अरोड़ा ने एक बयान जारी कर सभी नाराज विधायकों को आप में आने का न्योता दिया. अरोड़ा ने कहा कि यदि 40 और विधायकों के भी नाराज होने का उनका दावा सही है तो सभी पहले से ही नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आप में शामिल होकर सरकार बना सकते हैं. पंजाब में जनता से किए गए वादे पूरे कर सकते हैं.



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