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NDA Meeting: नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दल और एनडीए के नेता घोषित

 17th Lok Sabha गठन के लिए एनडीए संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल और एनडीए के नेता घोषित किया गया। इस दौरान अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी को प्रस्तावित किया। राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद अमित शाह ने पीएम मोदी के दल के नेता के तौर पर निर्वाचन की घोषणा की। इसके बाद उन्हें एनडीए का नेता चुनने के लिए प्रकाश सिंह बादल ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव का एनडीए के सभी दलों ने समर्थन किया।

पीएम मोदी को एनडीए और भाजपा के नेता के रूप में चुने जाने के बाद प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा नेताओं सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी ने बधाई दी।

एनडीए की इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे, बिहार सीएम नीतीश कुमार, एलजेपी के रामविलास पासवान समेत कई वरिष्ठ नेता समेत नवनिर्वाचित सांसद मौजूद हैं। इस बैठक में शामिल होने के लिए पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पहुंच गए हैं।

इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को औपचारिक रूप से संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। संसदीय दल का नेता चुने जाने बाद मोदी राष्ट्रपति को सांसदों की सूची सौंपकर 17वीं लोकसभा के लिए नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक वे एक बार फिर नए मंत्रिमंडल के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।

वैसे तो संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेता चुना जाना औपचारिकता मात्र है। लेकिन इस दौरान वे पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों से पहली बार रुबरू होंगे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार लोकसभा के सांसद चुने गए हैं। 2014 में पहली बार सांसद के रूप में संसद भवन में प्रवेश के पहले झुककर उसकी सीढि़यों को प्रणाम किया था। मोदी का कहना था कि वे संसद को लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं। यही नहीं, भाजपा को पहली बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत दिलाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी के आभार प्रकट किये जाने पर बोलते हुए मोदी भावुक भी हो गए थे। शनिवार को एक बार फिर वे 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित पार्टी के सांसदों को संबोधित करेंगे। इस बार वे सांसद के रूप में अपने पांच साल के अनुभव को भी साझा करेंगे और खासकर नए सांसदों को गरिमापूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की हिदायत देंगे।

संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा और राजग सहयोगियों के सभी सांसदों की सूची राष्ट्रपति को सौंपेंगे और सरकार बनाने का दावा करेंगे। माना जा रहा कि इस महीने के अंत में 30 मई को वे नए मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण कर सकते हैं। लेकिन शपथ ग्रहण के पहले वे बनारस भी जा सकते हैं। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद प्रधानमंत्री कभी चुनाव प्रचार के लिए भी बनारस नहीं जा पाए थे। शपथ लेने के पहले बनारस जाकर वे जनता को जीत के लिए धन्यवाद करेंगे।

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