पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने कॉन्सुलर एक्सेस देने को कहा है. इस बात की जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दी. वियना संधि के मुताबिक और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का पालन करते हुए आज यानी सोमवार को पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देगा. क्या आप जानते हैं कि क्या है ये कॉन्सुलर एक्सेस. इससे कुलभूषण जाधव को क्या सुविधाएं मिलेंगी.
सबसे पहले आपको बता दें, पाकिस्तान पहले भी कॉन्सुलर एक्सेस का ऑफर दे चुका है. लेकिन उस समय पाकिस्तान ने इसमें कई शर्तें जोड़ दी थी जिसका विरोध भारत ने किया था. जिसके बाद रविवार (1 सितंबर 2019) को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक बार फिर कॉन्सुलर एक्सेस देने की जानकारी दी.
Consular access for Indian spy Commander Kulbhushan Jadhav, a serving Indian naval officer and RAW operative, is being provided on Monday 2 September 2019, in line with Vienna Convention on Consular relations, ICJ judgement & the laws of Pakistan.
— Dr Mohammad Faisal (@ForeignOfficePk) September 1, 2019
आखिर क्या होता है कॉन्सुलर एक्सेस
किसी देश का व्यक्ति अगर किसी दूसरे देश में बंद है तो उसे कॉन्सुलर एक्सेस के तहत उस देश के राजनयिक या अधिकारी को जेल में बंद कैदी से मिलने की इजाजत दी जाती है.
साफ शब्दों में इसे ऐसे समझिए
कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक हैं. उन्हें पाकिस्तान ने जेल में कैद कर रखा है. अब दोनों सरकारों की सहमति के बाद जो भारतीय राजदूत या अधिकारी कुलभूषण जाधव से मुलाकात करेंगे, उसे कॉन्सुलर एक्सेस कहा जाएगा.
मिलता है ये सवाल पूछने का अधिकार
दूसरे देश की जेल में बंद कैदी से उस देश के राजनयिक या अधिकारी को जेल में कैदी से पूछताछ करने का अधिकार मिलता है. जैसे वह पूछ सकते हैं.
# कैसा व्यवहार होता है कैदी के साथ?
# कैदी क्या चाहता है?
आपको बता दें, कैदी के जवाब के बारे में जानने के बाद राजनयिक अपनी सरकार को पूरी रिपोर्ट भेजता है. जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है.
आपको बता दें, वियना संधि के अनुच्छेद 36 के मुताबिक, जब किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है तो जांच और हिरासत में रखे जाने के दौरान कैदी को
कॉन्सुलर एक्सेस (राजनयिक पहुंच) देना अनिवार्य है.
कब बना था कॉन्सुलर एक्सेस
कॉन्सुलर एक्सेस का सिद्धांत 1950-60 के दशक में बना था. 1963 में कॉन्सुलर एक्सेस पर वियना कन्वेंशन (VCCR) हुई थी.
जब भारत ने ठुकराया कॉन्सुलर एक्सेस
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस को भारत ने ठुकरा दिया था. पाकिस्तान ने सशर्त कॉन्सुलर एक्सेस दिया था, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई थी. भारत कॉन्सुलर एक्सेस के लिए किसी भी शर्त को मानने से इनकार दिया.
क्या थी पाकिस्तान की शर्त?
पाकिस्तान को दूसरी बार कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने पर मजबूर होना पड़ा. हालांकि, पहले पाकिस्तान की ओर से शर्त लगाई गई थी जब भारतीय राजनयिक उससे मुलाकात करेंगे तब पाकिस्तान का एक अधिकारी भी उनके साथ होगा, हालांकि भारत को ये बात मंजूर नहीं थी.
कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में साल 2016 से हैं. पाकिस्तान आरोप लगाता है कि कुलभूषण जाधव एक जासूस है. हालांकि, भारत की ओर से इस दावे को नकारा जा चुका है. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 3 मार्च 2016 को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था.
जासूसी के मामले में पाकिस्तान स्थित मिलिटरी कोर्ट ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ भारत ने मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी.