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Oracle पर America में लगा 1.8 अरब जुर्माना, भारतीय अधिकारी को घूस देने का आरोप

Oracle bribed railway officials in India: SEC

Oracle bribed railway officials in India: SEC

Oracle Fined in America: अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने कहा कि ओरेकल के भारतीय इकाई में कर्मचारियों ने रेल मंत्रालय के स्वामित्व वाली एक परिवहन कंपनी के साथ लेनदेन में अत्यधिक छूट हासिल करने के लिए फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

भारत, तुर्की और यूएई में अधिकारियों को घूस देने के मामले में आईटी कंपनी ओरेकल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। कंपनी पर करीब 23 मिलियन डॉलर (करीब 1.8 अरब रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी पर यह कार्रवाई यूएस सेक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) के उल्लंघन से जुड़े मामले में की है। 

घूस देने के लिए बनाया गया स्लश फंड

अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के मुताबिक ओरेकल के स्वामित्व वाली कंपनी ने बिजनेस हासिल करने के लिए विदेशी अधिकारियों को घूस दिया। इसके लिए उन्होंने स्लश फंड (Slush Funds) बनाया और उसका इस्तेमाल किया। बता दें कि स्लश फंड्स वह राशि होती है जिसका इस्तेमाल कंपनियां गलत कार्यों के लिए करती हैं और उसका पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है।

ओरेकल पर कर्रवाई का यह दूसरा मामला 

गलत आचरण के लिए ओरेकल पर कार्रवाई का यह दूसरा मामला है। एसईसी के मुताबिक वर्ष 2019 में ओरेकल इंडिया के एक सेल्स कर्मचारी ने एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के साथ लेनदेन के मामले में अत्याधिक डिस्काउंट स्कीम का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्ट कंपनी का अधिकांश स्वामित्व भारतीय रेल मंत्रालय के पास था। जनवरी 2019 में इस डील पर काम कर रहे कर्माचारी ने दावा किया कि सॉफ्टेवयर कंपोनेंट पर 70 फीसदी डिस्काउंट के बिना डील नहीं होगी। इसके लिए उसने OEM के बीच  कड़े प्रतियोगिता का हवाला दिया।

भारतीय अधिकारी को रिश्वत देने के लिए 54.80 लाख रुपये खर्च किए गए

SEC ने इस मामले में कहा है कि सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय कंपनी की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रोक्योरमेंट (खरीद) विवरणों से पता चलता है कि इसे हासिल करने के लिए ओरेकल इंडिया को किसी भी कंपटीशन का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि उसने प्रोजेक्ट के लिए ओरेकल के प्रोडक्ट्स को अनिवार्य कर दिया था। SEC का आरोप है कि कंपनी के एक कर्मचारी की स्प्रेडशीट में 67,000 डॉलर (लगभग 54,80,100 रुपये) बफर के रूप में दर्शाया गया था। इसे संभावित रूप से एक भारतीय सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के अधिकारी को भुगतान किया गया।

भारत के रेल मंत्रालय से जुड़ी कंपनी के अधिकारी को घूस देने का आरोप

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने कहा कि ओरेकल के भारतीय इकाई में कर्मचारियों ने रेल मंत्रालय के स्वामित्व वाली एक परिवहन कंपनी के साथ लेनदेन में अत्यधिक छूट हासिल करने के लिए फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने  कंपनी पर कार्रवाई करते हुए 23 मिलियन डॉलन से अधिक का जुर्माना लगाया है। एसईसी के अनुसार ऑरेकल ने 2016 और 2019 के बीच व्यापार के बदले भारत के अलावे अधिकारियों ने संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की में भी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए पैसों का गलत ढंग से इस्तेमाल किया।

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