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‘क्या आपका एक कुत्ता भी देश के लिए मरा था?’ वाले बयान पर खड़गे और पीयूष गोयल में बहस

Not Even A Dog Of BJP... Row Over Congress Chiefs Remark

Not Even A Dog Of BJP... Row Over Congress Chiefs Remark

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर मंगलवार को संसद में भारी हंगामा हुआ है. संसद में आज बीजेपी ने कांग्रेस प्रमुख से इस पर माफ़ी मांगने के लिए कहा है.

खड़गे ने सोमवार को अलवर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान की प्रशंसा करते हुए बीजेपी से पूछा था कि ‘क्या आपका एक कुत्ता भी देश के लिए मरा था?’

इसके अलावा खड़गे ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि वो संसद में चीन पर सीमा पर हुए संघर्ष पर बातचीत नहीं होने देना चाहती है.

उन्होंने अलवर में भाषण के दौरान मोदी सरकार को लेकर कहा, “बाहर शेर की तरह बात करते हैं लेकिन उनका जो चलना है वो चूहे के जैसा है. आपके घर में देश के लिए कोई कुत्ता भी मरा है?”

बीजेपी ने किया पलटवार

खड़गे के बयान के बाद मंगलवार को संसद के जारी शीतकालीन सत्र में भारी हंगामा देखने को मिला. बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष से माफ़ी की मांग की लेकिन खड़गे ने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया.

इसके बाद बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मोर्चा संभाला और उन्होंने राज्यसभा में कहा कि इस तरह का अभद्र भाषण देना सभी का अपमान है, इस सदन का और देश के मतदाताओं का अपमान है.

उन्होंने कहा कि उनके व्यवहार और भाषा दोनों की वो निंदा करते हैं और उनसे माफ़ी की मांग करते हैं.

“आज़ादी के बाद गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी को समाप्त कर देना चाहिए और खड़गे उसका जीता-जागता प्रतीक हैं. और देश को दिखा रहे हैं कि शायद गांधी जी ने सत्य कहा था. वो देश को दिखा रहे हैं कि वो ऐसी पार्टी के अध्यक्ष हैं जिन्हें भाषण देना तक नहीं आता.”

“खड़गे जब तक माफ़ी नहीं मांगते हैं उनको सदन में आने का कोई हक़ नहीं है.”

इसके बाद राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों ने ‘खड़गे माफ़ी मांगो’ के नारे भी लगाए.

इसके अलावा पीयूष गोयल ने कहा कि शायद खड़गे को इतिहास का ज़्यादा ज्ञान नहीं है और

उन्होंने कहा, “उनको यह याद नहीं है कि कांग्रेस की वजह से जम्मू-कश्मीर की क्या हालत हुई. उनको यह याद नहीं है कि उन्हीं के समय चीन ने भारत की 38 हज़ार किलोमीटर ज़मीन हड़प ली थी. ये भूल रहे हैं कि कैसे इन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया.”

“इन्होंने सरदार पटेल को कश्मीर में दख़ल देने से रोका. ये श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान भूल रहे हैं. इन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए और इनको कोई अधिकार नहीं है ऐसे बेबुनियाद बयान देने का.”

खड़गे ने माफ़ी मांगने से किया इनकार

राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने सदन के बाहर भाषण दिया था और वो अभी भी कह सकते हैं कि आज़ादी के वक़्त स्वतंत्रता आंदोलन में उन लोगों का कोई रोल नहीं था.

उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘बाहर जो कहा अगर वो यहां पर बोल देंगे तो इन लोगों के लिए बड़ी दिक़्क़त हो जाएगी. आज़ादी के वक़्त माफ़ी मांगने वाले लोग उन लोगों से माफ़ी मांगने को कह रहे हैं जो आज़ादी के लिए लड़े हैं.’

“वहां पर (अलवर में) ये बात आई की देश में एकता के लिए कांग्रेस पार्टी जो यात्रा निकाल रही है वो (बीजेपी) इसे भारत तोड़ो यात्रा कह रहे हैं. तब मैंने यह कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा देश को जोड़ने की बात करती है. इसके लिए इंदिरा गांधी जी ने अपनी जान दी, राजीव गांधी जी ने अपनी जान दी.”

“आप लोगों में किसने इस देश की एकता के लिए अपनी जान दी है. मैंने ये जो कहा क्या ये सच नहीं है.”

सभापति हंगामे पर हुए नाराज़

वहीं दूसरी ओर सदन में हंगामे के दौरान राज्यसभा के सभापति और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नाराज़गी देखने को भी मिली.

धनखड़ ने दोनों पक्षों को हंगामा न करने को कहा. उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा, “135 करोड़ जनता हम पर हंस रही है. 135 करोड़ जनता आज के दिन चिंतन कर रही है, क्या यह हमारा स्तर हो गया है कि हम एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते हैं.”

“ऐसा हो सकता है कि कोई एक-दूसरे के विचारों से सहमत न हो. हो सकता है आवेश में कोई बात बाहर कही गई हो, हो सकता है बात निराधार हो, हो सकता है बात के ऊपर दो मत हों. इसका मतलब ये नहीं है कि कोई भी बोले तो दोनों ओर से अशांति फैलाई जाए. हम बच्चे नहीं हैं.”

बीजेपी सांसद सुधांशू त्रिवेदी ने खड़गे की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वो उनकी मानसिकता को दिखाते हैं.

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन का सारा श्रेय लेकर वे (कांग्रेस) आज़ाद हिंद फ़ौज के सैनिकों और क्रांतिकारियों का अपमान कर रहे हैं.

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