News

Narendra Singh Tomar या VD sharma कौन होगा मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री !

By Oyspa.com

August 08, 2021

Bhopal : भावी चुनावी रणनीति के तहत विभिन्न राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन कर रही भाजपा मध्य प्रदेश में दो साल बाद होने वाले चुनाव के पहले राज्य में नए नेतृत्व को उभारने में जुटी हुई है। प्रदेश में पार्टी के सबसे बड़े नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं और बदलाव उनकी सहमति से ही किया जाना है। हाल में चौहान ने दिल्ली की यात्राएं कर केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श भी किया है। मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई थी, हालांकि बाद में कांग्रेस पार्टी में हुए विभाजन के बाद पार्टी को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिला है। पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को ही मुख्यमंत्री बनाकर साफ कर दिया था कि वही राज्य के बड़े नेता हैं। इसके पहले भी शिवराज सिंह चौहान तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, चूंकि शिवराज सिंह चौहान डेढ़ दशक से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ऐसे में नया नेतृत्व सामने नहीं आ पाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह के नेतृत्व में पार्टी हारी थी, इसलिए पार्टी का यह भी मानना है कि कहीं न कहीं एंटी इनकंबेंसी भी सामने आती है। इसलिए अभी से नेतृत्व परिवर्तन पर काम किया जाए ताकि अगले चुनाव में पार्टी पूरी ताकत से उतर सके और प्रदेश में नया नेतृत्व भी खड़ा हो सके।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी में विभिन्न स्तरों पर हुए मंथन में जो नाम सामने आए हैं उनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा प्रमुख हैं। हालांकि, यह दोनों सांसद हैं और उनको प्रदेश में भेजने से पार्टी को दो उपचुनाव में जाना पड़ेगा। एक तो लोकसभा से इस्तीफा देने पर लोकसभा का उपचुनाव और दूसरा विधानसभा सदस्य बनने के लिए विधानसभा का उपचुनाव कराना होगा। पार्टी मौजूदा स्थिति को चुनाव के अनुकूल नहीं मान रही है इसलिए वह ऐसा रास्ता निकाल रही इससे नेतृत्व परिवर्तन तो हो लेकिन उपचुनाव से बचा जा सके। ऐसे में किसी विधायक पर भी दांव लगाया जा सकता है। हालांकि पार्टी के पास ऐसा कोई बड़ा चेहरा विधायकों में नहीं है जिसको इतने बड़े राज्य में आगे लाया जा सके। सूत्रों के अनुसार नए नाम को लेकर संघ और भाजपा नेता दोनों ही अभी तक कोई मन नहीं बना पाए हैं।

गौरतलब है कि भाजपा नेतृत्व ने हाल में उत्तराखंड और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बदले थे। उत्तराखंड में तो अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव है, जबकि कर्नाटक में येदुरप्पा को उनकी उम्र के चलते बदलाव किया गया है। मध्यप्रदेश में यह दोनों कारण नहीं है, लेकिन पार्टी के संगठन के लिहाज से सबसे मजबूत माने जाने वाले राज्य में भाजपा अगले चुनाव को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। दरअसल पार्टी का मानना है कि पिछली बार शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हार हो चुकी है, इसलिए अब समय रहते बदलाव कर लेना जरूरी है।