राज्य सेवा और वन सेवा परीक्षा की मॉडल आंसरशीट के गलत जवाब उम्मीदवारों की जेब पर भी भारी पड़ते दिख रहे हैं। गलत उत्तर पर आपत्ति दर्ज करने के आवेदन के साथ शुल्क भी रखा गया है। आपत्ति के आवेदन के साथ पीएससी ने प्रति प्रश्न 100 रुपए शुल्क घोषित किया है। बुधवार को जारी मॉडल आंसरशीट के बाद अब यह आपत्ति शुल्क तमाम उम्मीदवारों की जेब पर भारी पड़ता दिख रहा है। असल में पीएससी ने जो मॉडल आंसरशीट जारी की है उसमें 8 प्रश्नों के जवाब विशेषज्ञों ने पहली नजर में गलत करार दिए हैं। उम्मीदवारों के मुताबिक इन गलत जवाबों को फाइनल आंसरशीट में सही करवाने के लिए आपत्ति दर्ज करवाना जरूरी होगा।
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यदि सिर्फ इन्हीं जवाबों के लिए कोई उम्मीदवार आपत्ति लगाता है तो भी उसे कम से कम 800 रुपए शुल्क तो चुकाना होगा। इसके अलावा उसे ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल फीस, ट्रांजेक्शन शुल्क भी भुगतना होगा। कई उम्मीदवारों के मुताबिक इसके अलावा कुछ अन्य गलत प्रश्नों को रद्द करवाने के लिए उन पर भी आपत्ति दायर करना होगी। आगे यदि और भी गलत सवाल-जवाब सामने आए तो आपत्ति दर्ज करवाने के आवेदन की फीस ही हजार के पार पहुंच जाएगी।
त्रुटि नहीं लापरवाही
विशष विशेषज्ञ मुकेश कटारे के मुताबिक इस बार मॉडल आंसरशीट में गलत जवाब तकनीकी त्रुटि के बजाय लापरवाही कही जा सकती है। प्रश्न पत्र का स्तर बेहतर था लिहाजा पीएससी से उम्मीदवार संतुष्ट थे। अब मॉडल आंसरशीट में सामान्य अध्ययन के बेहद प्रचलित सवालों का गलत जवाब लिख देना उम्मीदवारों के मन में संदेह पैदा कर रहा है। उम्मीदवार आरोप लगा रहे हैं कि उनसे आपत्ति की फीस के रूप में अलग से कमाई करने के लिए आयोग ने ऐसा किया है। इस वर्ष आपत्ति के आवेदन की राशि का आंकड़ा परीक्षा के आवेदन की मूल राशि से ज्यादा हो रहा है। अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार को आवेदन के लिए 500 रुपए फीस देना पड़ी थी। इतने ज्यादा गलत उत्तरों से आयोग की छवि खराब हो रही है।
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जरूरी है शुल्क
पीएससी के परीक्षा नियंत्रक डॉ. दिनेश जैन के मुताबिक आपत्ति शुल्क का प्रावधान व्यवस्था बनाने के लिए रखा गया है। बिना शुल्क के आपत्ति के आवेदन में यह समस्या आ रही थी कि कई उम्मीदवार बिना सोचे-समझे सभी सौ सवालों पर आपत्ति दायर कर देते। पीएससी के सिस्टम में है कि एक-एक प्रश्न की आपत्ति का विषय विशेषज्ञों द्वारा निराकरण करवाया जाता है। लिहाजा शुल्क की व्यवस्था सिर्फ इसलिए रखी गई है ताकि गंभीरता से आपत्तियां दर्ज कराई जाएं। उम्मीदवारों को घबराने की जरूरत नहीं है।
यदि एक आपत्ति भी आई तो विशेषज्ञ परीक्षण करेंगे। लिहाजा हर व्यक्ति आपत्ति दर्ज कराए यह भी जरूरी नहीं है। आयोग मॉडल आंसरशीट जारी ही इसलिए करता है कि पारदर्शिता बनी रहे और त्रुटि रहित रिजल्ट तैयार हो। यदि कोई उत्तर गलत है और प्रश्न में उसका विकल्प है तो उसे बदला जाएगा। यदि ऐसा कोई प्रश्न है जिसके सही जवाब का विकल्प नहीं है तो उसे डिलीट किया जाएगा।