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मिशन शक्ति: परमाणु परीक्षण से कम नहीं भारत की ये उपलब्धि, फिर चौंकी दुनिया

भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने कुछ ही देर पहले अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को मार गिराया है. भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है. अंतरिक्ष में होने वाला ये मिशन पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण जैसा ही था. इस परीक्षण के बाद भारत ने एक बार फिर दुनिया में अपना लोहा मनवाया है.

ये मिशन क्यों खास?

वैज्ञानिकों की मानें तो भारत का ये सफल ऑपरेशन बहुत महत्वपूर्ण है. आजतक से बात करते हुए वैज्ञानिक आरपी टंडन ने बताया कि अब भारत जल, नभ और थल के अलावा अंतरिक्ष में भी दुश्मन की हरकतों पर नज़र रख सकता है. यानी अगर कोई दुश्मन देश अंतरिक्ष में सैटेलाइट के जरिए भारत पर नज़र रख रहा है या फिर जासूसी कर रहा है तो भारत उसकी ही मिसाइल को नष्ट कर सकता है.

ये मिशन पूरी तरह से मेक इन इंडिया है, यानी इस मिशन को इसरो और DRDO की सहायता से ही पूरा किया गया है.

जब पोखरण परीक्षण से हिल गई थी दुनिया…

इस लिहाज से भारत की ये उपलब्धि उतनी ही बड़ी है जितना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में हुआ परमाणु परीक्षण. तब भी दुनिया के किसी देश को खबर नहीं थी कि भारत इतनी बड़ी तैयारी कर रहा है या फिर कर भी दिया है. और आज भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ है.

11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में 3 परमाणु बमों का सफल परीक्षण किया गया था, इसी के साथ ही भारत न्यूक्लियर नेशन बन गया था. न्यूक्लियर टेस्ट का काम पर्दे के पीछे किया गया था, ताकि किसी को खबर ना लग सके. यहां तक कि अमेरिका के खुफिया सैटेलाइट्स को भी इसकी भनक नहीं थी.

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