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अमित शाह को बाइक पर घुमाने से लेकर MP BJP अध्यक्ष बनने तक, जानें वीडी शर्मा का राजनीतिक सफर

भोपाल. मप्र भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी विष्ण दत्त शर्मा को सौंपी गई है. वह खजुराहो से सांसद हैं. शनिवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने उनको प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी. वह राकेश सिंह की जगह लेंगे. VD Sharma अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में लंबे समय तक सक्रिय रहे और इस दौरान उन्होंने कई आंदोलन किए. वे भाजपा संगठन में प्रदेश महामंत्री भी रहे. इतना ही नहीं वह लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान खजुराहो में अमित शाह को बाइक पर बैठाकर घुमाने के दौरान भी चर्चा में आए थे. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक यहीं से उनके प्रदेशाध्यक्ष बनने की सुगबुगाहट तेज हो गई थी. हालांकि उन्होंने 29 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था और 2019 में अचानक उन्हें पार्टी ने खजुराहो से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया था. जिसमें उन्होंने जबदस्त जीत हासिल की थी. 

गौरतलब है कि, विष्णुदत्त शर्मा छात्र राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की. वे जिला संगठन मंत्री से लेकर जिला संयोजक, प्रदेश मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक रहे. इसके बाद करीब 6 से 7 साल पहले भाजपा से जुड़ गए. यहां भी संगठन का कार्य देख रहे थे. कई चुनावों में संगठनात्मक प्रभारी भी रहे. प्रदेश की भाजपा राजनीति में बड़ा नाम जाना जाता है. इसलिए केंद्रीय पदाधिकारियों ने वीडी शर्मा के नाम पर मुहर लगाई है. 

खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा मूलत: मुरैना के सुरजनपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने ग्वालियर यूनिवर्सिटी एग्रोनॉमी में एमएससी हैं. 

भारतीय जनता पार्टी में उन्होंने सक्रिया भूमिका निभाई है. 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड के संथाल के चुनाव प्रभारी रहे. उन्होंने दिल्ली, बिहार, असम प्रदेशों के विधान सभा चुनावों के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाई थी.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय सदस्य के तौर पर राजनीति में पदार्पण करने वाले विष्णु दत्त शर्मा 1986 से इससे जुड़ गए थे. वह 1995 से 2013 तक परिषद के पूर्णकालिक प्रचारक रहे. इसके बाद 2013 से 2018 तक भाजपा में प्रचारक रहे.

उन्होंने देशभर में शिक्षा के व्यापारीकरण एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था. मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में गरीब किंतु प्रतिभावान छात्रों को सामान अवसर देने के लिए कड़ा संघर्ष करते हुए व्यापक आंदोलन किया. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने डीमेट में 50 फीसदी सीटें मेरिट के लिए आरक्षित की.

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