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नोटबंदी का सबसे बड़ा फायदा स्विस बैंक को हुआ, भारतीयों का जमा धन 50% बढ़ गया

जब मोदीजी देश के प्रधानमंत्री नहीं बने थे, तो अपने चुनावी भाषणों में वो कालेधन के खिलाफ मोर्चा खोले रहते थे. कहा करते थे कि भारतीयों का जितना काला धन विदेश में है, अगर वो आ गया तो हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे. लेकिन वो पैसे नहीं आए. कोई बात नहीं, लोग अब भी इंतजार कर ही रहे हैं. इस बीच ऐसे लोगों के लिए एक खुशी की खबर है. खबर ये है कि जो लोग 15 लख रुपये का इंजतार कर रहे हैं, अब उन्हें 15 लाख रुपये नहीं बल्कि 22.5 लाख रुपये मिलेंगे. यानि मोदीजी ने जितना कहा था उसका 50 फीसदी ज्यादा.

और ये खुशी की खबर पीएम मोदी या रिजर्व बैंक ने नहीं दी है. इस खुशी की खबर को जारी किया है उस बैंक ने, जो भारतीयों का कालाधन अपने पास रखता है. ये बैंक है स्विटजरलैंड का स्विस नेशनल बैंक, जो देश और दुनिया का कालाधन अपने पास रखने के लिए कुख्यात है. देश-दुनिया में जितना भी काला धन है, उसका सबसे बड़ा हिस्सा इसी बैंक में जमा होता है. पिछले दिनों भारत सरकार का इस बैंक के साथ करार हुआ था, जिसके बाद बैंक की ओर से ये आंकड़े जारी किए गए हैं.

इस बैंक ने बताया है कि भारत में हुई नोटबंदी के बाद पिछले एक साल के दौरान भारत का इस बैंक में ज्यादा पैसा जमा हुआ है. बैंक के मुताबिक भारतीय लोगों ने स्विस नेशनल बैंक में करीब 7,000 करोड़ रुपये जमा कर रखे हैं और पिछले एक साल में पैसे जमा करने में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं बैंक ने इस बात का भी खुलासा किया है कि जब देश में नोटबंदी नहीं हुई थी तो उस दौरान इस बैंक में भारतीयों का कम पैसा जमा हुआ था. आंकड़ों के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया के लोगों के 100 लाख करोड़ रुपये इस बैंक में जमा हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा पैसा सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग का है.

2006 में जमा थे 23 हजार करोड़ रुपये

बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों का स्विस बैंक में सबसे ज्यादा पैसा 2006 में जमा था. उस वक्त भारतीयों ने स्विस बैंक में 23 हजार करोड़ रुपये जमा कर रखे थे. ये अब तक का सबसे ज्यादा पैसा था. इसके बाद से पैसे जमा करने में कमी आ गई जो 2010 तक जारी रही. लेकिन 2011 में फिर से पैसे जमा होने लगे. 2011 में 12 फीसदी बढ़ोतरी हुई. उसके बाद 2013 में 43 फीसदी और फिर 2017 में 50.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

पाकिस्तान से आगे निकल गया है भारत 

स्विस नेशनल बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में इस बैंक में भारतीयों का करीब 4500 करोड़ रुपये जमा था. फिर नोटबंदी हुई और साल 2017 के अंत तक इस बैंक में भारतीयों का पैसा बढ़कर 7,000 करोड़ रुपये हो गया. वहीं इस दौरान पाकिस्तान ने इस बैंक में कम पैसे जमा करवाए हैं. पाकिस्तान की पूंजी में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है. बैंक के मुताबिक पूरी दुनिया इस बैंक में अपने पैसे जमा करती है और उनकी जमा करने की दर में तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि भारत की जमा करने की दर 50 फीसदी बढ़ी है. स्विस बैंक के मुताबिक पाकिस्तान का स्विस बैंक में 7700 करोड़ रुपये जमा है.

विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष भी हमलावर

जब बीजेपी 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी, तो उस वक्त काला धन एक बड़ा मुद्दा था. पिछले चार साल के दौरान कालाधन वापस न आने और नोटबंदी के बाद भी स्विटजरलैंड में काला धन बढ़ने के बाद विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के लोगों ने भी पीएम मोदी और उनकी नीतियों पर सवाल उठाए हैं. सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने तंज कसते हुए एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है

2014 के चुनाव के बाद सबसे खाते में 15 लाख रुपये आने थे,नहीं आए. खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे जुमला करार दे दिया. अब नए आंकड़ों के हिसाब से 22.5 लाख रुपये बनते हैं, ये भी एक जुमला ही होगा. नोटबंदी के डेढ़ साल हो गए. कहा गया था कि कालधम खत्म होगा, आतंकवाद रुकेगा, नक्सलवाद खत्म होगा और इस एक फैसले से इतना कुछ हो जाएगा कि रामराज आ जाएगा. हुआ क्या? कश्मीर से सीमा पार आतंकवाद इतना बढ़ा कि वहां सरकार गिर गई. छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले नक्सली हमले में छह जवान शहीद हो गए और अब खुद स्विस बैंक ने भी कह दिया कि उसके पास भारतीयों के ज्यादा पैसे जमा हैं. जाहिर है वॉइट मनी रखने के लिए तो अपने देश में भी बहुत से बैंक हैं. ब्लैक मनी रखने के लिए तो है ही स्विटजरलैंड, जहां भारतीयों का जमा पैसा बढ़ता ही जा रहा है. आप इंतजार करते रहिए 2019 में कुछ और जुमलों का.

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