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केरल की लेफ्ट सरकार ने पूरा किया मोदी का सपना, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन

केरल की लेफ्ट सरकार ने राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. सरकार ने केरल में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, बिक्री, आवागमन और जमा करने पर रोक लगाई है. सरकार का यह फैसला एक जनवरी से लागू हो चुका है जिसका सीधा असर प्लास्टिक बैग, डिस्पोजबल कप, स्ट्रॉ जैसे सामानों पर पड़ेगा. पिछले साल 21 नवंबर को हुई पिनराई विजयन की कैबिनेट बैठक में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का फैसला लिया था.

सरकार ने यह फैसला पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लिया है क्योंकि राज्य हर साल करीब 45 हजार टन प्लास्टिक कचरा पैदा करता है. केरल सरकार पहले ही 50 माइक्रोन्स से कम की प्लास्टिक की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा चुकी है. हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था न होने की वजह से साल 2018 में लिए गए इस फैसले के बाद सरकार को इस क्रियान्वय में कई तरह की चुनौतियां का सामना करना पड़ा था.

सरकार ने सुझाए विकल्प

इस बार पूरी तैयारियों के साथ लागू किए गए सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के फैसले के बाद सरकार ने इसके विकल्प भी लोगों के दिए हैं. केरल सरकार ने न सिर्फ बैन किए गए उत्पादों की लिस्ट जारी की है बल्कि इनके विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकने वाले सामानों का भी ब्यौरा दिया है. इन उत्पादों में ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड दोनों ही तरह के सामान शामिल है.

सरकार ने लोगों को सामान रखने वाले प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े और कागज से बने बैग इस्तेमाल करने की सलाह दी है. उसी तरह सिंगल यूज प्लास्टिक से बने बर्तनों के विकल्प के रूप में कांच, चीनी मिट्टी, स्टील के बर्तनों का इस्तेमास करने को कहा है.

लाइसेंस रद्द होने का प्रावधान

सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में बैन हो चुके सामान के उत्पादन पर जुर्माने का प्रावधान भी शामिल है. अगर कोई निर्माता ऐसा सामान बनाता है तो उस पर 10 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही दोबारा उत्पादन पर 25 हजार और फिर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके बाद भी अगर उत्पादन बंद नहीं किया जाता तो यूनिट का लाइसेंस रद्द किया जाएगा. वहीं थोक बिक्रेता और फुटकर ब्रिकेताओं को भी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. मोदी सरकार ने 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में महज एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट, जैसे पानी की बोतलें और दूध के पैकेट आदि आते हैं.  

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