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कर्नाटक: कुमारस्वामी से मिले 2 BJP विधायक, सिद्धारमैया ने नहीं दिया वक्त, फिर संकट?

कर्नाटक में बीजेपी के दो विधायकों के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से मुलाकात के बाद एक बार फिर राज्य में सियासी संकट गहराता नजर आ रहा है. बीजेपी के विधायक उमेश कट्टी और गोलहट्टी शेखर मंगलवार को देर रात कुमारस्वामी से मिले. इसके बाद बुधवार को दोनों विधायक कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसके लिए समय नहीं दिया गया.

सूत्रों की मानें तो बीजेपी के उमेश कट्टी और गोलहट्टी शेखर ने कुमारस्वामी से मुलाकात के दौरान कर्नाटक के मौजूदा राजनीतिक हालात और छाए हुए सियासी संकट पर चर्चा की. हाल ही में कर्नाटक में कैबिनेट का विस्तार किया गया था, जिसमें दलबदलू नेताओं को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था. बीजेपी के पुराने नेताओं को इसमें जगह नहीं मिल सकी थी, जिसके चलते अब वे बगावत का रुख अपनाते हुए नजर आ रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस और जद(एस) छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले और पार्टी के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव जीतने वाले दस विधायकों को बीएस युदियुरप्पा ने अपने कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल में जगह दी थी. एसटी सोमशेखर (यशवंतपुर), जरकीहोली रमेश लक्ष्मण राव (गोकक), आनंद सिंह (विजयनगर), डॉ. के सुधाकर (चिक्कबल्लापुर), एचए वासवराज, अरावली हेब्बर शिवारम (येलापुर), बीसी पाटिल (हिरेकरपुर), के गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट), नारायण गौड़ा (कृष्णाराजापेट) और श्रीमंत बालासाहिब पाटिल (कागवाड) ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी.

कर्नाटक सरकार में मंत्री न बनाए जाने को लेकर बीजेपी के ही विधायकों ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार में कांग्रेस से आए बागियों को मंत्री बनाने पर पार्टी के अंदर असंतोष पैदा होता नजर आ रहा है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी के विधायकों की उनकी सालों की सेवा की अनदेखी की गई और उनकी कीमत पर कांग्रेस के बागियों को मंत्री पद से नवाजा गया.

बता दें कि पिछले साल कांग्रेस के 13 और जेडी (एस) के चार विधायकों यानी कुल 17 विधायकों ने अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. इसी के चलते कर्नाटक में कुमारस्वामी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार गिर गई थी और बीजेपी सत्ता पर काबिज हुई. इनमें 13 लोगों ने 5 दिसंबर 2019 को हुए उप चुनाव में किस्मत आजमाई थी और उनमें से 11 लोगों को जीत मिली थी, जबकि दो चुनाव हार गए थे.

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