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जामिया और JNU हिंसा पर संसदीय समिति के सामने गृह सचिव और दिल्ली पुलिस की पेशी

जामिया-जेएनयू में बीते दिनों हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर और गृह सचिव सोमवार को संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी अफसरों से हिंसा की वजहों और उनके की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांग सकती है. साथ ही अधिकारी राजधानी दिल्ली की कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध के बारे में भी समिति को अवगत कराएंगे.

गृह मंत्रालय की इस समिति की अध्यक्षता कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा कर रहे हैं जिन्होंने पार्टी की ओर से बीते दिन दिल्ली पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए थे. साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी गठित की थी जिसमें जेएनयू हिंसा के लिए वाइस चांसलर को जिम्मेदार ठहराया गया है.

पुलिस एक्शन पर लेगी जानकारी

संसदीय समिति आज पुलिस के आला अधिकारियों से जेएनयू में नकाबपेशों हमलवरों के बारे में अब तक की जांच पर जानकारी मांग सकती है क्योंकि पुलिस ने अब तक इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है. हालांकि इस केस में पुलिस ने हिंसा में शामिल कई छात्रों की पहचान कर उन्हें पूछताछ के लिए समन जरूर किया है.

दिल्ली पुलिस आज जेएनयू हिंसा में शामिल नौ लोगों से पूछताछ करने जा रही है. इससे पहले पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जेएनयू हिंसा में JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं. डीसीपी क्राइम, जॉय तिर्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस नौ संदिग्धों की पहचान का खुलासा किया था जिनमें से चार जेएनयू के छात्र हैं.

इसके अलावा पुलिस ने अपनी जांच में मदद के लिए स्टिंग के टेप भी मांगे हैं जिसमें ABVP का छात्र अक्षत अवस्थी खुद कैमरे पर हिंसा के लिए लड़के बुलाने और मारपीट करने की बात कबूल कर रहा है. पुलिस की ओर से स्टिंग में दिखाए गए छात्र अक्षत और रोहित शाह को भी पूछताछ के लिए बुलाया है.

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