वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए भारतीय रेलवे चेन्नई स्थित इंटीग्रेटेड रेल कोच फैक्ट्री से 44 और रैक खरीदेगी. इसके लिए चेन्नई की रेल कोच फैक्ट्री ने निविदा भी आमंत्रित की है जो 44 जोड़ी ट्रेनों के लिए इलेक्ट्रिक साजो-सामान और अन्य पार्ट्स के लिए होगा. रेलवे के मुताबिक यह प्रकिया बहुत पारदर्शी होगी. बता दें कि हर ट्रेन में 16 कोच होंगे. इन सभी ट्रेनों के परिचालन के बाद लगभग 20 फीसदी समय की बचत होगी.
रेलगाड़ी में सभी कोच दिन की यात्रा के लिए चेयर कार प्रकार होंगे. सभी रेलगाड़ियों में डीटीसी में कैब एसी, छत पर एचटी उपकरण, इंसुलेटर, जम्पर केबल आदि जैसे जुड़े हुए एसेसीरिज होंगे. इसके साथ ही ऑटोमेटिक इंटर कम्युनिकेशन दरवाजे, कोच डिस्प्ले, स्पीकर, पढ़ने के लिए लैंप के साथ लगेज रैक, सीधी रोशनी (यात्रियों के लिए) और विसरित प्रकाश (सामान के रैक के लिए), एलईडी लाइट, सभी कोचों में मॉड्यूलर पेंट्री उपकरण और जीपीएस एंटीना, यात्री सीटों में मोबाइल / लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, सभी कोच में सीसीटीवी और इमरजेंसी टॉक यूनिट्स नेटवर्किंग सिस्टम प्रदान किए जाएंगे.
15 फरवरी को पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी को हरी झंडी दिखाई थी. यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई गई थी. दूसरी ट्रेन को गृह मंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच चलाई जा रही है.
दोनों ही ट्रेन की गति ज्यादा है. ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं.इन ट्रेनों के परिचालन से यात्रियों को कम से कम चार घंटे की बचत हो रही है. बता दें कि वंदे भारत ट्रेन मोदी सरकार की पहल ‘मेक इन इंडिया’ के तहत चलाई जा रही है.