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SC के वकील बोले- मुस्लिमों को NRC से बाहर और हिंदुओं को नागरिकता, यह हास्यास्पद

इंडिया टुडे ग्रुप के लोकप्रिय और चर्चित कार्यक्रम ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019’ का आगाज हो गया है. ‘सिटीजन कौन- एनआरसी बनाम नागरिकता संशोधन अधिनियम’ सेशन में बीजेपी नेता चंद्र बोस, AIUDF नेता अमीनुल इस्लाम, जादवपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के प्रोफेसर मोनोजीत मंडल, सुप्रीम कोर्ट के वकील उपमन्यु हजारिका और सुप्रीम कोर्ट के सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग के पूर्व प्रमुख कृष्ण महाजन ने अपनी राय रखी. मंच का संचालन राहुल कंवल, न्यूज डायरेक्टर, टीवी टुडे नेटवर्क ने किया.

चर्चा के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील उपमन्यु हजारिका ने कहा कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल की जरूरत इसलिए आई क्योंकि एनआरसी में बहुत सारे बंगाली हिन्दू छूट गए थे. इसीलिए यह बिल लाया जा रहा है. मैं आपको यहां बताना चाहूंगा कि हमने नॉर्थ-ईस्ट में क्या महसूस किया. देश की 525 कम्यूनिटी में से 247 नॉर्थ-ईस्ट में रहती हैं. जोकि जनसंख्या की करीब 3 फीसदी होती हैं.

उन्होंने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश में छोटी-छोटी कम्यूनिटी रहती हैं. यहां छोटे-छोटे गांव में एक से ज्यादा कम्यूनिटी के लोग एक साथ रहते हैं. एनआरसी इसलिए लाया गया कि असम में अल्पसंख्यकों की गिनती की जाए.

सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पर बात करते हुए हजारिका ने आगे कहा कि अब सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल क्या करने जा रहा है यह भारतीय नागरिकों से कह रहा है कि आपके साथ जो हुआ उससे हमें कोई लेना-देना नहीं. बल्कि भारतीय नागरिकों की जगह उन विदेशी नागरिकों को प्राथमिकता देने जा रहा है जो बाहर से आए हैं. इसीलिए आज इसका विरोध हो रहा है.

हजारिका ने आगे कहा कि इसका तुरंत प्रभाव भी दिखेगा. लोअर असम और मिडिल असल में अगर लोअर असम की बात करें तो वहां बांग्लादेशी मुस्लिम ज्यादा हैं. मिडिल असम में अभी स्थित सामान्य है. बांग्लादेश से आए मुस्लिमों को आपने एनआरसी से बाहर कर दिया लेकिन बांग्लादेश से आए हिंदुओं को आप नागरिकता देने जा रहे हैं तो यह हास्यास्पद है.




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