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दूसरी बार राज्यसभा के उपसभापति बने हरिवंश सिंह

कोरोना संकट के बीच शुरू हुए मॉनसून सत्र के पहले ही दिन एनडीए राज्यसभा में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रही और विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार को हराते हुए राज्यसभा के उपसभापति के पद पर फिर से कब्जा कर लिया. जनता दल यूनाइटेड के नेता हरिवंश सिंह फिर से राज्यसभा के उपसभापति चुन लिए गए हैं.

जनता दल यूनाइटेड के नेता हरिवंश सिंह ने विपक्ष की ओर से आरजेडी उम्मीदवार और सांसद मनोज झा को हराया. उपसभापति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो जेपी नड्डा, नरेंद्र तोमर और नरेश गुजराल ने हरिवंश के समर्थन में प्रस्ताव रखा. जबकि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद त्रिची शिवा ने मनोज झा के समर्थन में प्रस्ताव रखा.

इससे पहले एनडीए की ओर से जेडीयू सांसद हरिवंश सिंह ने पिछले हफ्ते बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया था, जबकि मनोज झा ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया. हरिवंश पत्रकार रहे हैं और बिहार की सियासत को करीब से समझते हैं.

जबकि मनोज झा दिल्ली विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग में प्रोफेसर हैं. वो आरजेडी के राज्यसभा सासंद होने के साथ-साथ पार्टी के प्रवक्ता होने नाते मुखर आवाज भी हैं.

पत्रकार रहे हैं हरिवंश

राज्यसभा सांसद बनने से पहले हरिवंश नारायण सिंह की पहचान एक पत्रकार के तौर पर रही है. हरिवंश का जन्म जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा में हुआ. वह शुरू से ही समाजवादी विचारधारा के रूप में जाने जाते थे. वारणसी से शिक्षा हासिल करने के दौरान ही हरिवंश सिंह जेपी आंदोलन से जुड़ गए थे.

बाद में उन्होंने पत्रकारिता में कदम रखा और करीब चार दशक तक पत्रकारिता में सक्रिय रहे. उन्होंने देश के कई प्रमुख अखबारों के लिए काम किया और 1989 में प्रभात खबर शुरू किया. 2014 में जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा भेजा और 2018 में राज्यसभा के उपसभापति चुने गए, लेकिन इस साल उनका कार्यकाल पूरा हो जाने के चलते अब दोबारा से उसी पद के लिए मैदान में उतरे और जीत हासिल की.

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