झबरे-झबरे बाल ललना के,
और दादी उनकी मुंडन करावे,
बाबा करे बौछार मोहरन की,
झबरे-झबरे बाल ललना के
और मम्मी उनकी मुंडन करावे,
बाबा करे बौछार मोहरन की,
झबरे-झबरे बाल ललना के…
गीत की बोली- अवधी.
मतलब– बच्चे के बाल बहुत झबरीले हैं. यानी बहुत घने हैं. उसकी दादी और मम्मी मुंडन करवा रही है. और उसके पिता पैसे न्योछावर कर रहे हैं.
सोन सन बरुआ के घुड़मल केस केस हे, सोहावन लागे
सखी सब गावे मंगल गीत, ढोलिया ढोल बजावे
गीत की भाषा- मैथिली
मतलब– छोटे बच्चे के घुंघराले बाल हैं. बड़े प्यारे लगते हैं. सब औरतें और सहेलियां साथ में मंगल गीत (मुंडन गीत) गा रही हैं. ढोल बज रहे हैं.
साबन के महीना, पवन करे सोर
धीरे स कैंची चलबिहे हजमा बौआ छै कमजोर
गीत की भाषा- मैथिली
मतलब– सावन का महीना है. हवाएं चल रही हैं. ज़ोर-ज़ोर से. सभी औरतें हजमा यानी मुंडन करने वाले से कह रही हैं कि वो धीरे-धीरे कैंची चलाए, क्योंकि जिस बच्चे का मुंडन हो रहा है, वो बहुत छोटा है. नाजुक है. उसे चोट न लग जाए, इस बात का ध्यान रखें.
ये कुछ लोकगीत हैं. जो उस वक्त गाए जाते हैं जब किसी बच्चे का मुंडन संस्कार होता है. औरतें मिलकर इसे गाती हैं. ऐसे बहुत सारे गीत हैं. हमने केवल तीन ही बताए हैं. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग गीत गाए जाते हैं. अब हो सकता है कि कुछ इसी तरह के लोकगीत औरतें एक बार फिर गाएं. बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया के ‘मुंडन संस्कार’ में.
क्या गौरव भाटिया का ‘मुंडन’, लेकिन क्यों?
नहीं-नहीं. गौरव के ‘मुंडन’ का कार्ड हम तक नहीं आया है. पर इस मुंडन की बात खुद गौरव ने कही थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले. आज तक के एक शो में. दरअसल, उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो ये कहते दिख रहे हैं कि अगर महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की सरकार नहीं बनेगी, तो वो अपने बाल कटवा लेंगे. वो बाल जो उन्हें बहुत-बहुत प्यारे हैं. पूरी बात, जो गौरव ने कही,
‘हटा के दिखाओ, हटा के दिखाओ, हटा के दिखाओ. ये पूरे दमखम से कहता हूं अंजना जी, आपके शो में बड़ी बात कहकर जा रहा हूं. कोई नहीं है हमारे टक्कर में. दोबारा सरकार बनेगी बीजेपी और शिवसेना की. पहले से ज्यादा सीटों से. और अगर न बने, मुझे अपने ये जो बाल हैं इनसे बड़ा प्यार हैं. इन्हें कटवा दूंगा. मैं आपको वचन देता हूं. इन्हें कटवा दूंगा.’
भाटिया जी ने समुद्र भर कॉन्फिडेंस के साथ कहा था कि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी. और इस बार ज्यादा सीटों के साथ बनेगी. लेकिन यहां तो आसार कुछ और ही दिख रहा है. चुनाव 21 अक्टूबर 2019 में हुआ था. नतीजे 24 अक्टूबर को आ गए थे. अब 16-17 दिन बीत चुके हैं. और महाराष्ट्र में शिवसेना ने बीजेपी का साथ भी छोड़ दिया है. NCP और कांग्रेस के साथ बातें चल रही हैं. आसार तो शिवसेना-NCP-कांग्रेस की सरकार के दिख रहे हैं.
रही बात सीटों की, तो ये भी घट गई हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी ने 122 सीटें जीती थीं. इस बार 105 पर ही जीत मिली. शिवसेना ने पिछली बार 63 सीटें जीती थीं. इस बार 56 में ही सिमट गई. यानी महाराष्ट्र में गौरव भाटिया के बयान से ठीक उलट हुआ. इसलिए अब उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि वो मुंडन कब करा रहे हैं. तो मुंडन की जब डेट आ जाएगी. वो भी आपको बता देंगे. मुंडन के बाद दावत होगी कि नहीं, अभी इसकी भी जानकारी नहीं है.
अब जानिए कि गौरव भाटिया हैं कौन?
सीनियर वकील हैं. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में भी रह चुके हैं. इस वक्त BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. लेकिन हमेशा से बीजेपी में नहीं थे. पहले समाजवादी पार्टी (SP) में थे. SP के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे. 5 फरवरी 2017 में SP छोड़ दी थी और 2 अप्रैल 2017 में बीजेपी जॉइन की थी. गौरव के पिता वीरेंद्र भाटिया भी SP में ही थे. राज्य सभा सांसद थे.
लाइव टीवी में सपा प्रवक्ता से हाथापाई हो चुकी है
गौरव ने पिछले साल दिसंबर में काफी हेडलाइन्स बनाई थीं. एक लाइव टीवी डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया से उनकी बहस हो गई थी. और कुछ ही मिनटों में दोनों के बीच मारपीट होने लगी थी. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी सामने आए थे. जिनमें ये दिख रहा था कि दोनों के बीच कुछ बहस हो रही थी, फिर भदौरिया ने गौरव भाटिया को धक्का दे दिया. उसके बाद गौरव ने भी ऐसा करने की कोशिश की. लेकिन वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह इस लड़ाई को कंट्रोल किया. पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने भदौरिया को हिरासत में ले लिया था.
भाटिया ने ट्विटर पर वीडियो भी अपलोड किया था. कहा था कि ये प्रवक्ता नहीं गुंडे हैं. भदौरिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने व्यग्तिगत टिप्पणियां की थीं, परिवार के लिए अपशब्द बोले थे.
खैर, अब एक बार फिर गौरव भाटिया पर बातें हो रही हैं. लोग उनके ‘मुंडन’ को लेकर सवाल पूछ रहे हैं. अब भाटिया इन सवालों का क्या जवाब देंगे, क्या वो अपनी बातों पर अमल करेंगे? ये देखना इंटरेस्टिंग होगा. साथ ही महाराष्ट्र में सरकार किसकी और कब बनती है, ये देखना डबल इंटरेस्टिंग लग रहा है.