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किसानों ने दिल्ली की सीमाओं से ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी है।

किसानों ने दिल्ली की सीमाओं से ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी है। हंगामे और नारेबाजी के साथ किसान दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने 5000 ट्रैक्टरों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी है लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि करीब 2 लाख ट्रैक्टर इसमें शामिल होंगे।

किसानों ने समय से पहले ही दिल्ली में घुसने की कोशिश की औऱ बैरिकेडिंग तोड़ दी। अब पुलिस धीरे-धीरे बैरिकेड भी हटाने लगी है। कई जगहों पर पुलिस को आंसूगैस के गोले भी छोड़ने पड़े।

अभूतपूर्व ‘किसान गणतंत्र परेड’ सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगी, जिसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान यूनियनों ने सोमवार को कहा कि राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही उनकी ट्रैक्टर परेड शुरू होगी। हालांकि परेड पहले ही शुरू हो गई है। उन्होंने दावा किया कि लगभग दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में भाग लेने की उम्मीद है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल के मुताबिक, ‘‘जहां तक ट्रैक्टर रैली की बात है तो इससे सरकार को हमारी शक्ति के बारे में एक एहसास होगा और उसे पता चलेगा कि आंदोलन केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का आंदोलन है।’’ दर्शनपाल ने कहा कि प्रत्येक कूच या प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, जैसा कि अब तक रहा है।

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर हजारों किसान, जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, 28 नवंबर से दिल्ली के कई सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकरी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे तथा अपने फैसले से अवगत कराएंगे।

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