दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आर्थिक सुस्ती, नौकरियों में कटौती देश के लिए बेहद चिंता का विषय है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें पक्का भरोसा है कि केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाएगी. केजरीवाल ने केंद्र से वादा किया कि उनकी सरकार इस आर्थिक दुष्चक्र से उबरने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार को पूरा सहयोग देगी. सीएम अरविंद केजरीवाल अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली के रोहिणी और धीरपुर गांव में दो नए परिसरों की नींव रखने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. केजरीवाल ने कहा कि वह निजी तौर पर रोजगार के नुकसान को लेकर बेहद चिंतित हैं.
केजरीवाल ने कहा, “बीते कुछ दिनों से मीडिया में आर्थिक मंदी की बात आ रही है ये बहुत ही चिंता का विषय है, खासकर ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेक्सटाइल्स सेक्टर में मंदी की खबरें आ रही है. मेरा मानना है कि यह हम सभी के लिए बेहद चिंता का विषय है. मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार इस पर ठोस कदम उठाएंगी.”
"आर्थिक मंदी बहुत ही चिंता का विषय है, मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार इस पर ठोस कदम उठाएगी।
— AAP (@AamAadmiParty) August 23, 2019
यह ऐसा समय है की पूरे देश को एक होकर अपनी आर्थिक व्यवस्था को ठीक करना है।
केंद्र आर्थिक मंदी को कम करने के लिए जो भी कदम उठाएगा, दिल्ली सरकार उनका पूरा समर्थन करेगी"- @ArvindKejriwal pic.twitter.com/Q9YOXsSQ1Q
मंदी से निपटने के लिए केंद्र के साथ-साथ चलने को तैयार केजरीवाल ने कहा, ” ये एक ऐसी चीज है जिस पर पूरे देश को मिलकर आर्थिक व्यवस्था को ठीक करना है…और जो भी कदम केंद्र सरकार इस मामले में उठाएगी, दिल्ली सरकार से मैं उनको भरोसा दिलाना चाहूंगा कि हम उन्हें पूरा सहयोग देंगे, और साथ मिलकर हमें इस आर्थिक मंदी को दूर करना है.” केजरीवाल ने कहा कि नौकरियां के जाने से वे निजी रूप से चिंतित हैं.
अपनी सरकार के कामों को बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि 2015 से उच्च शिक्षा के लिए सीटों की संख्या 1.1 लाख से बढ़कर 1.5 लाख हो गई है. इस दौरान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने बीते पांच साल में सोलह नए कॉलेज खोले हैं.