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छत्तीसगढ़ में टिकट बंटवारे को लेकर मचा घमासान, कार्यकर्ताओं के बगावती तेवर से हर पार्टी परेशान

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होने के बाद उम्मीदवारों के चयन को लेकर राज्य की सभी पार्टियों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है. कई पार्टियों को तो अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने के बाद उसे बदलना भी पड़ा है.

दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार मोतीलाल साहू का विरोध शुरू हो गया है. बीजेपी दफ्तर में पहली बैठक के दौरान ही उनकी उम्मीदवारी को लेकर कार्यकर्ताओं का गुस्सा कुर्सियों पर टूट पड़ा.

मोतीलाल साहू पाटन विधानसभा सीट से बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार घोषित किए गए हैं. पाटन के बीजेपी दफ्तर में उनके आगमन की तैयारियों की खबर जैसे ही इन कार्यकर्ताओं को लगी, उन्होंने बवाल खड़ा कर दिया. कार्यकर्ताओं की नाराजगी स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी को लेकर थी.

यह विधानसभा सीट दुर्ग जिले के अंतर्गत आता है, लेकिन मोतीलाल साहू पाटन विधानसभा सीट क्षेत्र के निवासी नहीं हैं. वो दुर्ग में रहते हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी अगर इसी क्षेत्र से किसी भी नेता को उम्मीदवार बनाती तो बेहतर होता, लेकिन स्थानीय नेताओं को नजरअंदाज कर बीजेपी आलाकमान ने बाहरी उम्मीदवार उन पर थोप दिया

4 मंडलों के नेताओं के इस्तीफे की धमकी

कार्यकर्ता मोतीलाल साहू को बाहरी प्रत्याशी करार देकर उनका विरोध कर रहे हैं. विरोध भी ऐसा कि बीजेपी के चार मंडलों के सभी बड़े नेता पार्टी से अपने इस्तीफे और काम ना करने की चेतावनी दे रहे हैं. पाटन के बीजेपी नेता प्रकाश चंद्र के मुताबिक टिकट वितरण में बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं की मंशा का ध्यान नहीं रखा. उनका आरोप है कि उम्मीदवारों का चयन उनके कार्यों से नहीं बल्कि नेताओं की पसंद नापसंद से हुआ है. इसके चलते जमीनी कार्यकर्ताओं ने असंतोष फैल रहा है.

पार्टी के खिलाफ बगावती सुर सिर्फ पाटन में ही नहीं दिखाई पड़ रहे हैं बल्कि दो दर्जन से ज्यादा बीजेपी उम्मीदवारों को लेकर उनकी विधानसभा सीट पर बवाल मचा हुआ है. अपने उम्मीदवारों से नाराज कार्यकर्ता बीजेपी प्रदेश मुख्यालय का भी रुख कर रहे हैं और ऐसे प्रत्याशियों को बदले जाने की मांग भी हो रही है. बीजेपी मुख्यालय में सुबह से लेकर रात तक बगावती तेवर अपनाने वाले नेता पार्टी पदाधिकारियों से मेल मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है.

CM रमन सिंह ने ली जिम्मेदारी

दूसरी ओर, नाराज कार्यकर्ताओं को समझाने बुझाने में पार्टी पदाधिकारियों को पसीना छूट रहा है. पार्टी को डर इस बात का है कि यदि बगावती तेवर अपनाने वाले कार्यकर्ताओं पर लगाम नहीं लगाई गई तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की जिम्मेदारी खुद संभाल ली है. उन्होंने कहा है कि ये परिवार का मसला है और मिल बैठकर निपटा लिया जाएगा. हालांकि डैमेज कंट्रोल को संभालने के लिए आधा दर्जन नेताओं की एक कमेटी भी पार्टी स्तर पर बनाई गई है. यह कमेटी नाराज कार्यकर्ताओं की शिकायतों का निपटारा करेगी.

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 90 में से 78 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. शेष 12 उम्मीदवारों की घोषणा होना अभी बाकी है. लेकिन जिस तेजी से कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी बढ़ रही है, उसे लेकर पार्टी उहापोह की स्थिति में है.

कांग्रेस भी नाराजगी से परेशान

सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस भी पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना कर रही है. पार्टी के कई घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ प्रतिद्वंदी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. किसी के ऊपर निष्क्रियता का आरोप लगाकर, तो किसी पर बाहरी प्रत्याशी होने का आरोप जड़कर उन्हें बदले जाने की मांग जोर पकड़ रही है.

कांग्रेस ने 90 में से 18 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. ये सभी उम्मीदवार पहले दौर के मतदान में शामिल है. बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर और दंतेवाड़ा में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ कई उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है. अधिकृत उम्मीदवारों के समानांतर कई कांग्रेसी नेताओं के नामांकन दाखिले ने पार्टी के लिए मुसीबत खड़ा कर दी है.

हालांकि कांग्रेस ने ऐसे नेताओं के नामांकन वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. कांग्रेस के बड़े नेता और तमाम पार्टी पदाधिकारी बगावती तेवर अपनाने वाले नेताओं को पहले किसी भी सूरत में सरकार बनाने और फिर अपने गिले शिकवे दूर करने की सलाह दे रहे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल के मुताबिक पहली प्राथमिकता बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने की है. उनके कार्यकर्ताओं को वे यही संदेश दे रहे है.

AAP और जनता कांग्रेस ने बदले उम्मीदवार

कांग्रेस और बीजेपी के अलावा आम आदमी पार्टी, बीएसपी, समाजवादी पार्टी और जनता कांग्रेस में भी घमासान मचा हुआ है. कार्यकर्ताओं की मांग पर आप पार्टी ने पांच विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार तक बदल दिए हैं तो समाजवादी पार्टी और जनता कांग्रेस ने भी अपने आधा दर्जन घोषित उम्मीदवारों को बदलकर उनके स्थान पर नए प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.

छत्तीसगढ़ में पहले दौर में 18 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा. इन सीटों पर कुल 421 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. फिलहाल नामांकन वापसी के प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाएगी. यह देखना गौरतलब होगा कि बगावती उम्मीदवार मैदान छोड़ते हैं या फिर डटे रहते हैं.

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