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रात 12.30 बजे CBI चीफ आलोक वर्मा व अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजने का निकला आर्डर…..रात 2 बजे नागेश्वर राव ने ले लिया चार्ज …. पढ़िये मंगलवार रात की पूरी कहानी

CBI के इतिहास में मंगलवार की रात जो कुछ हुआ, वो अब तक कभी नहीं हुआ था। पिछले 72 घंटे से सीबीआई के अंदर मचे घमासान का मंगलवार की रात बेहद नाटकीय घटनाक्रम के साथ खत्म हुआ। केंद्रीय सर्तकता आयुक्त की अनुशंसा के बाद सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना दोनों की छुट्टी तो हुई ही, पहली बार सीबीआई का दफ्तर भी सील कर दिया गया। इससे पहले मंगलवार शाम ही सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने आदेश जारी किया कि स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना से सारी जिम्मेदारी वापस ली जाती हैं। सीबीआई डायरेक्टरों को हटाने की कहानी रात 11 बजे शुरू हुई।

हालांकि इसकी सुगबुगाहट देर शाम से ही शुरू हो गयी थी। सीबीआई के अंदर छिड़े शीत युद्ध को लेकर मंगलवार शाम 6 बजे CVC ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को हटाने का निर्णय ले लिया था, लेकिन बिना केंद्र की सहमति इस बार निर्णय नहीं हो सकता था। लिहाजा शाम 7 बजे सीवीसी ने अपने फैसले की जानकारी सरकार तक पहुंचाई। केंद्र सरकार ने सीवीसी की अनुशंसा पर विचार करना शुरू किया। पीएमओ ने इस अनुशंसा पर मुहर लगायी, जिसके बाद आलोक वर्मा और अस्थाना को हटाने का आदेश तैयार किया गया। कार्मिक मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी कर वर्मा की जगह राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त करने का फैसला किया गया।

रात करीब  12.30 बजे सीबीआई के अधिकारियों को यह आदेश जारी किया गया। कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा जाता है, उनकी जगह पर एम नागेश्वर राव को अंतरिम रूप से सीबीआई का डायरेक्टर बनाया जाता है। इस आदेश के परिपालन में रात दो बजे एम नागेश्वर राव ने सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर का कार्यभार संभाला।

इससे पहले कि नागेश्वर वहां पहुंचते, रात के एक बजे अचानक दिल्ली पुलिस की टीम ने सीबीआई दफ्तर के एक खास हिस्से को सीज़ कर दिया. रात के 1 बजकर 15 मिनट पर नागेश्वर राव, सीबीआई के दफ्तर पहुंच गए और 1 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने चार्ज ले लिया.

नागेश्वर राव सीधे सीबीआई दफ्तर के 11वें फ्लोर पर पहुंचे, और उनके निर्देशन में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के दफ्तरों की तलाशी ली गई। इसके बाद रात के 2 बजे दोनों के दफ्तरों को सील कर दिया गया। 11वें फ्लोर को सील करने के बाद नागेश्वर ने 10वें फ्लोर पर मौजूद सभी दफ्तरों की चाबी भी अपने पास मंगवा कर रख ली। नागेश्वर राव पूरे एक्शन में नजर आ रहे थे।

इससे पहले कि एजेंसी के कारिंदे और कुछ समझ पाते बुधवार की सुबह 6 बजे नागेश्वर राव ने इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट मंगाई। ऐसा लग रहा था कि नागेश्वर पूरी तैयारी के साथ आए थे। सुबह के 9 बजे उन्होंने इस केस से जुड़े सभी 13 अधिकारियों के तबादले कर दिए। फिर राकेश अस्थाना से जुड़े मामले को उन्होंने फास्ट ट्रैक में भेज दिया। सुबह होते होते सीबीआई की पूरी टीम ही बदल गई।

नागेश्वर दफ्तर में जमे रहे। बुधवार की सुबह तक सब कुछ बदल चुका था। सुबह 11 बजे डीएसपी बस्सी को पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया। उनके साथ अस्थाना से जुड़े अधिकारी मनीष सिन्हा को भी हटा दिया गया। दोपहर के 12 बजे अस्थाना के मामले की जांच के लिए 3 सदस्यों वाली नई टीम बनाई गई। 3 बजे इस मामले में आरोपी डीएसपी देवेंद्र से पूछताछ शुरू की गई। इससे पहले 1 बजे 10वें, 11 वें फ्लोर को दोबारा खोल दिया गया। इसके साथ ही शाम होते होते एजेंसी में नंबर 3 की हैसियत रखने वाले अधिकारी एके शर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया गया।

 

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