Site icon Oyspa Blog

आयुष्मान योजना : मजदूर के बेटे को मिला आयुष्मान भारत योजना का लाभ, इलाज में खर्च होगा 4 लाख रुपये

आयुष्मान भारत योजना का लाभ एक मजदूर को मिला है. इस योजना को पीएम मोदी ने 23 सितंबर को लॉन्च किया था. मजदूर के बेटे के दिल में छेद था, जिसमें 4 लाख का खर्च होना था. अब वह इस योजना का लाभ उठाकर अपने बेटे का इलाज करा सकेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम योजना आयुष्मान भारत योजना से सरकार कितने गरीबों को इलाज दे पाएगी ये तो समय बताएगा, लेकिन इस योजना ने अपने शुभारंभ के 24 घंटे में ही एक मजदूर के मासूम बेटे की दुनिया जरूर रोशन कर दी है. मासूम के दिल में छेद था जिसके ऑपरेशन के लिए लखनऊ पीजीआई ने लगभग तीन से चार लाख का खर्चा बताया था. लेकिन मजदूर पिता सपने में भी इतने खर्चे की व्यवस्था नहीं करा सकता था.

सोमवार को बच्चे के पिता का आयुष्मान भारत योजना में नाम आया. नाम आते ही उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उनके बेटे को लखनऊ सीएम कार्यालय के निर्देश पर कानपुर कार्डियोलॉजी में भर्ती करा दिया गया.

बच्चा गोरखपुर का रहने वाला है, लेकिन कार्डियोलॉजी सिर्फ कानपुर में है. इसलिए सीएम योगी के कार्यालय के निर्देश पर आयुष्मान भारत योजना के पहले मरीज के रूप में बच्चे को कानपुर में भर्ती कराया गया है.

गोरखपुर के लंगड़ी गुलरिया के रहने वाले राममिलन पेंटिंग मजदूरी करते हैं. राममिलन के सात साल के बच्चे के दिल में छेद था. राममिलन ने अपने बच्चे को संजय गांधी पीजीआई लखनऊ में दिखाया.  इसके अलावा उन्होंने और भी कई अस्पतालों में दिखाया, जहां बच्चे के इलाज में लगभग तीन से चार लाख का खर्चा बताया गया.

राममिलन मजदूरी करते हैं इसलिए वे इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम नहीं खर्च कर सकते थे. लेकिन रविवार को प्रधानमंत्री की आयुष्मान भारत योजना इस परिवार के लिए वरदान बनकर आई.

गोरखपुर से इन्होंने बेटे के इलाज के लिए सीएम योगी के यहां भी फ़रियाद की थी. जहां आयुषमान योजना के तहत इनके बेटे रोहन के इलाज को सीधे सीएम कार्यालय से निर्देश आए. आदेश मिलते ही कानपुर प्रशासन ने बच्चे को गोरखपुर से बुलवाकर कानपुर कार्डियोलॉजी में भर्ती करवा दिया.

कानपुर कार्डियोलॉजी उत्तर प्रदेश का इकलौता हृदय रोग संस्थान है. बच्चे का इलाज न करा पाने से मायूस राममिलन के लिए आयुष्मान योजना अब वरदान सी लग रही है. राममिलन का खुद मानना है कि मैं मजदूरी करके कभी इसका इलाज नहीं करवा सकता था. पीजीआई ने तीन से चार लाख का खर्चा बताया था मेरे लिए योजना वरदान बनकर आई है.

रोहन की मां संगीता तो अचानक आई इस खुशखबरी से हैरान हो गईं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की वजह से मेरे बच्चे का इलाज हो रहा है. जबकि कार्डियोलॉजी विभाग के हेड  राकेश वर्मा का कहना है कि हमारे अस्पताल के लिए यह आयुषमान भारत योजना का पहला मरीज है. हमने बच्चे को भर्ती कर लिया है.अब पहले इसकी जांच होगी और उसके बाद इलाज होगा.

Exit mobile version