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ओवैसी का वार- NRC का ही दूसरा नाम है NPR, समझाया कैसे ‘छांटे’ जाते हैं नागरिक

नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) पर मचे बवाल के बीच अब केंद्रीय कैबिनेट में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर मुहर लग सकती है. इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के इस कदम पर सभी को चेताया है और बताया है कि किस तरह NPR भी देशभर में NRC लाने का ही एक हिस्सा है. असदुद्दीन ओवैसी ने इस मसले पर बीजेपी पर निशाना भी साधा और ट्विटर पर पूरे मुद्दे को समझाने की कोशिश की.

पूर्वोत्तर में बीजेपी के बड़े नेता हेमंता बिस्वा शर्मा पर सवाल खड़े करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, ‘असम में जो NRC की प्रक्रिया हुई वो सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटर की, लेकिन हेमंत बिस्वा शर्मा इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं. क्यों? क्योंकि इस लिस्ट से अधिकतर मुस्लिम नहीं ‘छंटे’ हैं.

असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, ‘असम में आई NRC की लिस्ट से बीजेपी नाखुश है, फिर भी पूरे देश में इसे लागू करना चाहती है. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) देशभर में NRC लागू करने का पहला स्टेप है और NRC का दूसरा नाम ही है.’

AIMIM सांसद ने लिखा कि NPR और NRC के लिंक को समझना जरूरी है. भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के नाम को NPR समाहित करता है, जो कि सिटीजनशिप नियम, 2003 के तहत जो नागरिकत नहीं हैं उन्हें छांटकर इसे बनाया जाता है. इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी पूरी प्रक्रिया को भी समझाने की कोशिश की. ओवैसी ने सवाल खड़े किए कि देश में सिर्फ पांच फीसदी ही ऐसे लोग हैं, जिनके पास पासपोर्ट है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी असदुद्दीन ओवैसी लगातार नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का विरोध कर रहे हैं, लगातार वह इसके विरोध में जनसभाएं भी कर रहे हैं.

असदुद्दीन ओवैसी ने CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है, जिसमें इस कानून को संविधान के खिलाफ बताया गया है. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है.





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