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असम: NRC लिस्ट से बाहर बच्चे हिरासत में, SC में याचिका दायर

असम में एनआरसी की सूची से बाहर किए गए बच्चों को कथित तौर पर हिरासत में लेने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. यह वो बच्चे हैं जिनके माता-पिता के नाम तो एनआरसी की सूची में हैं, लेकिन उनके नाम नहीं हैं. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा.

बता दें कि असम एनआरसी की लिस्ट में 19 लाख से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सके हैं. 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों को एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली थी और 19,06,657 लोग इससे बाहर हो गए थे.

31 अगस्त को जारी हुई थी NRC लिस्ट

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी हुई. इस सूची के मुताबिक असम में 3,11,21,004 लोग ही भारतीय नागरिकता साबित कर पाए हैं. जबकि प्रमाणपत्रों के अभाव में 19,06,677 लोगों को सूची से बाहर कर दिया गया था. हालांकि सूची से बाहर हुए लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए 120 दिन का और समय दिया गया था. सरकार ने कहा है कि ऐसे लोगों को कानूनी मदद भी मिलेगी, जो लोग अपील के बाद भी नागरिकता  साबित नहीं कर पाएंगे उन्हें सरकार डिंटेशन सेंटर में रखेगी.

फेसबुक पोस्ट पर नोटिस जारी

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को साल के पहले कार्यदिवस पर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) मुद्दे पर सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस की बेंच ने एनआरसी समन्वयक हितेश देव सरमा के एनआरसी से बाहर किए गए लोगों से जुड़े फेसबुक पोस्ट पर नोटिस जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को एनआरसी समन्यवक हितेश देव सरमा को नोटिस जारी करते हुए उनके फेसबुक पोस्ट पर सफाई मांगी है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी कर एनआरसी से बाहर किए गए लोगों की स्थिति और समन्वयक के बयान पर अपनी स्थिति साफ करने को कहा है.

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