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भारत को सबसे बड़ा आर्थिक झटका देने की तैयारी में अमेरिका, GSP सुविधा छीन सकता है US

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ जीएसपी (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) समाप्त करने का फैसला किया है. ट्रंप ने इसकी जानकारी अपनी संसद को दे दी है. भारत के अलावा तुर्की भी है जिसके साथ अमेरिका ये कारोबारी संबंध तोड़ रहा है. ट्रंप के इस फैसले की जानकारी यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटटेटिव रॉबर्ट लाइट्जर ने दी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ जीएसपी (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) समाप्त करने का फैसला किया है. ट्रंप ने इसकी जानकारी अपनी संसद को दे दी है. भारत के अलावा तुर्की भी है जिसके साथ अमेरिका ये कारोबारी संबंध तोड़ रहा है. ट्रंप के इस फैसले की जानकारी यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटटेटिव रॉबर्ट लाइट्जर ने दी है.

क्या है जीएसपी?

जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस यानी जीएसपी अमेरिकी ट्रेड प्रोग्राम है जिसके तहत अमेरिका विकासशील देशों में आर्थिक तरक्की के लिए अपने यहां बिना टैक्स सामानों का आयात करता है. अमेरिका ने दुनिया के 129 देशों को यह सुविधा दी है जहां से 4800 प्रोडक्ट का आयात होता है. अमेरिका ने ट्रेड एक्ट 1974 के तहत 1 जनवरी 1976 को जीएसपी का गठन किया था.

क्या है पूरी कार्रवाई

राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से फैसले पर दस्तखत किए जाने के बाद 60 दिन का नोटिफिकेशन भेज दिया गया है. जीएसपी समाप्त करने की यही वैध प्रक्रिया है. भारत और तुर्की के लगभग 2 हजार प्रोडक्ट हैं जो इसके प्रभाव में आएंगे. इनमें ऑटो पार्ट्स, इंडस्ट्रियल वॉल्व और टेक्सटाइल मैटीरियल प्रमुख हैं. राष्ट्रपति चाहें तो अपना फैसला वापस ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए भारत और तुर्की को अमेरिकी प्रशासन की चिंताओं को दूर करना होगा?

साल 2017 में भारत विकासशील देशों में अकेला देश था जिसे जीएसपी के तहत सबसे ज्यादा लाभ मिला था. भारत से अमेरिका ने 5.7 बिलियन डॉलर का आयात बिना किसी टैक्स के किया था जबकि तुर्की पांचवें स्थान पर था जहां से 1.7 बिलियन डॉलर का ड्यूटी फ्री आयात किया गया था. पिछले साल अप्रैल में अमेरिका ने एलान किया था कि वह भारत और तुर्की को मिलने वाली राहत पर विचार करेगा क्योंकि अमेरिका की कुछ डेयरी और मेडिकल कंपनियों ने शिकायत की थी कि इससे स्वदेशी कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है.

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