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महाराष्ट्र गवर्नर ने कसा ‘सेकुलर’ तंज, उद्धव ठाकरे बोले – आपका सर्टिफिकेट नहीं चाहिए

uddhav thackeray bhagat singh koshyari

uddhav thackeray bhagat singh koshyari

राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि ‘क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए?’ इसपर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक जवाब भेजा गया है, जिसमें उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘पत्र में मेरे हिंदुत्व का उल्लेख करना गलत है. हिंदुत्व के लिए मुझे आपकी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.’

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव सिंह ठाकरे को एक पत्र लिखा है, जिसपर विवाद शुरू हो गया है. बात सेक्युलरिज़्म और हिंदुत्व पर पहुंच गई है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी राज्य भर में मंदिर खोलने के लिए सांकेतिक भूख हड़ताल कर रही है. इसपर राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि ‘क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए?’ इसपर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक जवाब भेजा गया है, जिसमें उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘पत्र में मेरे हिंदुत्व का उल्लेख करना गलत है. हिंदुत्व के लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.’

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये भी लिखा है कि ‘मेरे राज्य की राजधानी को पाक अधिकृत कश्मीर कहने वालों को हंसते हुए घर में स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में नही बैठता है.’ बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की थी. बावजूद इसके राज्यपाल ने कंगना को मिलने का समय दिया था.

सोमवार को गवर्नर कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि उन्हें कोविड गाइडलाइंस के साथ धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने के लिए ‘तुरंत घोषणा करने का आग्रह’ किया था. उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा था, ‘आप हिंदुत्व के बड़े तरफ़दार रहे हैं. आपने अयोध्या जाकर भगवान राम के लिए अपना समर्पण सार्वजनिक रूप से जाहिर किया था. आपने पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर के दर्शन किए थे और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा की थी. मैं समझना चाह रहा हूं कि क्या आपको धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने की प्रकिया को बार-बार टालने के लिए कोई दिव्य संदेश मिल रहा है या फिर आप खुद सेकुलर बन चुके हैं, जो कभी आपको खुद कभी पसंद नहीं था?’

उन्होंने यह भी लिखा कि दिल्ली में 8 जून से और कुछ दूसरे शहरों जून के आखिर से ही धार्मिक स्थल खुल गए हैं और ‘वहां पर कोविड के मामलों में बढ़ोतरी नहीं देखी गई है.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘यह विडंबना है कि सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और बीच वगैरह को खोलने की अनुमति दे दी है लेकिन दूसरी ओर हमारे देवी-देवताओं कौ लॉकडाउन में रखा गया है.’

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