सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि शुक्रवार को पटेल दिल्ली में थे और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. दोनों एक फॉर्मूले पर सहमत हुए हैं| इस फॉर्मूले के तहत आरबीआई से पैसे मांगने को लेकर केंद्र नरमी बरतेगा और दूसरी तरफ बैंक सरकार को कर्ज देने में थोड़ी ढिलाई बरतेगा| आपको बता दे कि लो कैपिटल बेस और बैड लोन समस्याओं के चलते रिजर्व बैंक ने बैंकों के लोन देने पर नियंत्रण लगाया था. 11 बैंकों पर तब तक लोन देने पर प्रतिबंध लगाया गया था जब तक वे अपने बैड लोन को कंट्रोल नहीं करते, अपने कैपिटल रेशियो नहीं बढ़ाते और फायदेमंद साबित नहीं होते|
बता दें, कि पिछले कुछ हफ्तों से सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है. उम्मीद की जा रही है कि पटेल की मोदी से मुलाकात का मकसद सरकार के साथ जारी खींचतान का समाधान खोजना हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार और आरबीआई के इस बात पर सहमत हुए हैं कि कुछ बैंको को पीसीए राडार से बाहर किया जाएगा. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने पर सहमति बनी है कि आरबीआई के इस कदम से छोटे और मझोले कारोबारियों को कोई परेशानी न हो. इसके साथ ही सरकार कमजोर वाणिज्य बैंकों पर लागू पाबंदियों में कुछ ढील की भी मांग कर रही है|