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‘रडार से बचाने वाले बादलों’ के बाद सोशल मीडिया पर छाया PM मोदी का नया दावा- ‘1987 में यूज किया डिजिटल कैमरा और ईमेल’

पीएम मोदी ने इंटरव्यू में बताया कि बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर उन्होंने सलाह दी थी कि ‘खराब मौसम की वजह से’ इसे टाला ना जाए. इसके साथ ही उन्होंने उस दौरान कहा था, ‘बादल होने की वजह से भारतीय विमान पाकिस्तानी रडार की पकड़ में आने से बच सकते हैं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सवालों के जवाब टि्वटर सहित अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर की जा रहे हैं. पहले पीएम मोदी ने इंटरव्यू में बताया कि बालाकोट एयरस्ट्राइक  (Balakot Air Strike) लेकर उन्होंने विशेषज्ञों को सलाह दी थी कि ‘खराब मौसम की वजह से’ इसे टाला ना जाए. इसके साथ ही उन्होंने उस दौरान कहा था, ‘बादल होने की वजह से भारतीय विमान पाकिस्तानी रडार की पकड़ में आने से बच सकते हैं.’ अब एक अन्य वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की रंगीन तस्वीर क्लिक करने के लिए साल 1988 में डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्होंने ईमेल का भी इस्तेमाल किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे को कई लोगों ने फेक्ट चेक करते हुए बताया कि ईमेल सर्विस 1995 से पहले थी ही नहीं. अर्थशास्त्री रूपा सुब्रमण्या ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘1995 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च होने से पहले ही पीएम मोदी ने भारत में साल 1988 में इसका इस्तेमाल कर लिया था.’

न्यूज नेशन को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, ‘करीब 1987-88 में मैंने पहली बार डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था. उस वक्त बहुत कम लोग ईमेल का इस्तेमाल करते थे. आडवाणी जी की रैली थी. उस वक्त डिजिटल कैमरे का साइज बड़ा होता था (हाथ से साइज बताते हुए). मेरे पास डिजिटल कैमरा था. मैंने आडवाणी की तस्वीर क्लिक की और उसे दिल्ली भेज दिया. रंगीन तस्वीर प्रकाशित हुई थी. आडवाणी यह देखकर हैरान हो गए और कहा कि आज मेरी रंगीन तस्वीर कैसे छपी.’

सोशल मीडिया पर यूजर्स पीएम मोदी के इस बयान को शेयर करते हुए प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. यूजर्स ने बताया कि पहला डिजिटल कैमरा Nikon कंपनी ने साल 1987 में बेचा था और कमर्शियल ईमेल 1990-95 में शुरू की गई थीं.

पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मोदी ने नाले से गैस बनाने और रडार से बचने वाले बादलों की तरह डिजिटल कैमरा, ईमेल का इजाद किया है.’ वहीं  कांग्रेस नेता दिव्या स्पंदना ने ट्वीट किया, ‘सवाल यह है कि अगर 1988 में उनकी ईमेल आईडी थी, जबकि पूरे विश्व में नहीं थी. तो ऐसे में उन्हें ईमेल कौन भेजता था.’

बता दें, इसी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा था कि बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के दौरान उन्होंने सुझाव दिया था कि बादल और बारिश होने की वजह से भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के विमान पाकिस्तानी रडार में आने से बच सकते हैं. पीएम मोदी के इस बयान को लेकर एक बहस सी छिड़ गई है.

इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर कहा, ‘मैं दिन भर बहुत व्‍यस्त था. वार मेमोरियल का उद्घाटन था. चुरू में रैली करने गया था. मेरा कार्यक्रम चल रहा था. मैं टीम प्‍लेयर हूं. जिसको काम एसाइन करता हूं वो करता है. यह काम टीम ने किया था. रात को 9 बजे मैंने रिव्‍यू किया, फिर रात को 12 बजे रिव्‍यू किया. हमारे सामने समस्‍या थी कि उस समय मौसम खराब हो गया था. यह बात मैं पहली बार बोल रहा हूं. अचानक एक सुझाव मिला कि डेट बदल दें क्‍या? मैंने कहा कि इस मौसम में हम रडार से बच सकते हैं. मैंने कहा कि आसामान में बादल हैं और बारिश हो रही है. यह हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है.’

गौरतलब है कि 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने सीमा पार की और पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम गिराए थे. यह ऑपरेशन पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हुए हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद किया गया था.

 

 

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