2019 महासंग्राम के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी होने के दिन ये जान लेना भी दिलचस्प होगा कि साल 2014 के घोषणापत्र का क्या हुआ। क्या वादे किये थे और उसमें से कितने पूरे हुए। 2014 के घोषणापत्र को मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में तैयार किया गया था। इसके कवर पेज पर उस समय के सभी शीर्ष भाजपा नेताओं को जगह दी गई थी। भगवा रंग में रंगे कवर पेज पर कमल बना था और उसके नीचे पार्टी की विशेष टैग लाइन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ लिखा हुआ था। उसके ठीक नीचे पतले अक्षरों में नरेंद्र मोदी की प्रिय वह विशेष लाइन लिखी थी जो पिछले पांच सालों में उनकी पहचान बन गई थी- ‘सबका साथ, सबका विकास’
मुद्दों में महंगाई सबसे पहले
मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा बन गई थी। यही कारण है कि भाजपा के घोषणा पत्र में सबसे पहले महंगाई को ही मुद्दा बनाया गया था। इसके बाद क्रम से रोजगार, भ्रष्टाचार और काले धन को मुद्दा बनाया गया था। महंगाई रोकने के लिए अनाजों के अवैध भंडारण को रोकने और कालाबाजारी रोकने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने की बात कही गई थी। भाजपा सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में कामयाब रही, यह माना जा सकता है। पूरे पांच साल में खाद्यान्न की कीमतें काबू में रहीं। हालांकि, कीमतों को काबू में रखने के लिए एक विशेष फंड की बात पार्टी ने पूरी नहीं की। लेकिन ई-मंडियों से वस्तुओं की बिक्री की शुरुआत सरकार की बड़ी उपलब्धी रही जो उसके वायदे पूरे देश में एक ‘राष्ट्रीय कृषि बाज़ार’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ती दिख रही है।
मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा बन गई थी। यही कारण है कि भाजपा के घोषणा पत्र में सबसे पहले महंगाई को ही मुद्दा बनाया गया था। इसके बाद क्रम से रोजगार, भ्रष्टाचार और काले धन को मुद्दा बनाया गया था। महंगाई रोकने के लिए अनाजों के अवैध भंडारण को रोकने और कालाबाजारी रोकने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने की बात कही गई थी। भाजपा सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में कामयाब रही, यह माना जा सकता है। पूरे पांच साल में खाद्यान्न की कीमतें काबू में रहीं। हालांकि, कीमतों को काबू में रखने के लिए एक विशेष फंड की बात पार्टी ने पूरी नहीं की। लेकिन ई-मंडियों से वस्तुओं की बिक्री की शुरुआत सरकार की बड़ी उपलब्धी रही जो उसके वायदे पूरे देश में एक ‘राष्ट्रीय कृषि बाज़ार’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ती दिख रही है।