खुलासाः कमलेश तिवारी के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी थे निशाने पर

कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में नित नए खुलासे हो रहे हैं. सिर्फ कमलेश ही नहीं, कई और नेता भी इनके निशाने पर थे. इनमें हिंदूवादी नेता तो थे ही, कुछ मुस्लिम चेहरे भी थे.

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी भी उनके निशाने पर थे. रिजवी को राम जन्मभूमि पर फिल्म बनाने और राम मंदिर के पक्ष में बोलने के लिए टार्गेट किया जाना था. गौरतलब है कि रिजवी को पहले भी हत्या की धमकियां मिल चुकी हैं.

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यह भी थे निशाने पर

तिवारी के बाद रिजवी के अलावा हिंदू समाज पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी गौरव गोस्वामी भी हत्यारों के निशाने पर थे. पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि हिंदू समाज पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी गौरव गोस्वामी को इटावा बुलाकर मारने की योजना थी. इनके अलावा हरियाणा की एक महिला नेता को भी मारने की योजना थी.

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सक्रिय हुईं एजेंसियां

वसीम रिजवी और कई अन्य नेताओं के भी निशाने पर होने के खुलासे ने एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं. जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. उन्हें शक है कि हत्यारों से प्रभावित होकर अन्य अपराधी भी ऐसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे में अब पुलिस भी चौकन्नी हो गई है. विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले कई नेताओं और लोगों को पुलिस ने अपनी सुरक्षा को लेकर लापरवाही न बरतने की ताकीद कर दी है.

कार्यालय में की थी कमलेश की हत्या

मिठाई के डिब्बे लेकर मुलाकात करने खुर्शीद बाग स्थित हिंदू समाज पार्टी के कार्यालय पहुंचे बदमाशों ने कमलेश तिवारी की गला रेत कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि समेत तमाम हिंदूवादी संगठनों के चेतावनी के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने मिठाई के डिब्बे के सहारे गुजरात एटीएस के सहयोग से हत्याकांड का खुलासा किया था. इस मामले में हत्या के मुख्य आरोपियों अशफाक और मोइनुद्दीन पठान समेत पांच को गिरफ्तार कर चुकी है.

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