उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की राजेश्वरी शुक्ला स्वतंत्रता सेनानी महेश नाथ मिश्रा की बेटी हैं. जो गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर फूट-फूटकर अपना दर्द बयां कर रही हैं कि किस तरह प्रशासन ने उन्हें पिता के शहीद होने के बाद कोई आर्थिक मदद नहीं की.
माहौल 26 जनवरी (26th January) का है. जब देश की शक्ति भारतीय सेना दिल्ली के राजपथ पर अपना पराक्रम दिखा रही है. देश के लिए मर मिटने वाले उनके हौसलों को देख हर कोई उन्हें सलाम कर रहा है. लेकिन दूसरी तरफ इसी भारत देश के लिए अपनी जान गवाने वाले स्वतंत्रता सेनानी की बेटी सड़कों पर रहने को मज़बूर है. वो पिछले 40 सालों से अपने पिता के शहीद होने पर परिवार को मिलने वाली आर्थिक मदद के लिए दिन-रात भटक रही है.
#WATCH: Rajeshwari Shukla, daughter of Mahesh Nath Mishra – a freedom fighter – breaks down during Republic Day celebration in Shahjahanpur, says she is not getting any help from the govt. She says "Jin'ne apni shaheedi, apni kurbani di unki beti aaj thokrein kha rahi hai." pic.twitter.com/yJKejIOegm
— ANI UP (@ANINewsUP) January 26, 2019
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की राजेश्वरी शुक्ला स्वतंत्रता सेनानी महेश नाथ मिश्रा की बेटी हैं. जो गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर फूट-फूटकर अपना दर्द बयां कर रही हैं कि किस तरह प्रशासन ने उन्हें पिता के शहीद होने के बाद कोई आर्थिक मदद नहीं की.
राजेश्वरी शुक्ला का कहना है कि “मैं अपने पिता पर आश्रित हूं. मेरे पति से अलग हुए मुझे 40 साल से ज्यादा हो गए. मैं मेरे पिता की पेंशन की अधिकारी हूं. तो क्यूं नही मिली हमें? कौशल अधिकारी ने काट दिया कि मैं ब्याही हूं. मैं ब्याही जरूर हूं लेकिन अधिकारी हूं मैं. मैं उनकी आश्रित हूं. अग्रेज़ों ने मेरे पिता के हाथ काट दिए. जिनने इतनी शहीदी, अपनी कुर्बानी दी. उनकी बेटी आज ठोकरे खा रही है. फुटपाट पर लेटी है, वहां तिरपाल में मैं रहती हूं. क्यों? ऐसा क्यूं हो रहा है बताइए? 40 साल हो गए मुझे यहां झंडा फहराते. अबकी तो मेमसाब ने फूल भी नही दिए. बस चादरें मिलती थी मुझे, सम्मानित करते थे. लेकिन अबकी कुछ नहीं. हमारी पेंशन आई लेकिन कौशल अधिकारी ने हमारी पेंशन काट दी, कहा ब्याही है. “