PMC घोटाला: HDIL के MD की वाइफ को मिलता था 8.4 करोड़ का सालाना वेतन

पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक (PMC) घोटाले और इससे जुड़ी HDIL के बारे में जांच से नित-नए खुलासे हो रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच से यह पता चला है कि HDIL के मैनेजिंग डायरेक्टर सारंग वधावन की पत्नी अनु वधावन को समूह की ही एक अन्य कंपनी में 70 लाख रुपये महीने यानी 8.4 करोड़ रुपये सालाना का पैकेज मिलता था, जबकि वह कंपनी में रिटेनर के रूप में थी.

प्रवर्तन निदेशालय 6,300 करोड़ रुपये के इस घोटाले में मनी लॉन्ड्र‍िंग के पहलू की जांच कर रहा है. अनु वधावन ने ईडी के सामने अपने बयान में बताया कि वह एचडीआईएल ग्रुप की किसी भी कंपनी में डायरेक्टर नहीं थी. वह समूह की एक कंपनी प्रीवलेज इंडस्ट्रीज में साल 2016 से ही एक रिटेनर के तरह काम कर रही थी. इसके लिए ही उसे हर महीने 70 लाख रुपये यानी सालाना 8.4 करोड़ रुपये की सैलरी मिल रही थी.

क्या कहा अनु वधावन ने

अनु ने बताया कि वह अपने पति के कारोबार या वित्तीय गतिविधि में शामिल नहीं थी. उसने कहा कि उसे यह भी पता नहीं था कि बांद्रा, वसई और अलीबाग के बंगले या बांद्रा के गोल्फ लिंक में उसके नाम से जो फ्लैट हैं उसके लिए पैसा कहां से आया. पीएमसी बैंक लोन घोटाले के मामले में इन सभी प्रॉपर्टी को ईडी या मुंबई पुलिस की आपराधिक शाखा द्वारा जब्त कर लिया गया है.

मां के नाम पर भी कई प्रॉपर्टी

दूसरी तरफ, HDIL के मालिक राकेश वधावन की पत्नी और सारंग वधावन की मां मालती वधावन ने अपने बयान में कहा है कि अनु ने जिन प्रॉपर्टीज की जानकारी दी है, उनमें से चार की वे भी मालकिन या सह-मालकिन हैं. मालती के नाम से महाराष्ट्र के पुणे, मुंबई और पालघर जिले में प्रॉपर्टी है.

28 करोड़ रुपये की हेराफेरी

ईडी ने एचडीआईएल ग्रुप की एक और कंपनी एम स्टेट डेवलपर्स की डायरेक्टर मीना रोहिरा से भी पूछताछ की है. उन्होंने कहा कि कंपनी को राकेश वधावन और उनके भाई राजेश वधावन ने शुरू किया था. उसने बताया कि उसे 2 से 3 लाख रुपये महीने का वेतन मिल रहा था और कंपनी के खाते से करीब 27.74 करोड़ रुपये एचडीआईएल समूह की दूसरी कंपनियों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा था. रोहिरा के पास बसेरा नाम का एक बंगला है, जो कि उसने वधावन परिवार से ही खरीदा था.  



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