पहले CAA, फिर NRC और अब NPR…भोपाल से मुंबई तक सियासी दंगल

देश में एनआरसी और एनपीआर पर अभी बहस खत्म भी नहीं हुआ है कि अब नरेंद्र मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर ने (NPR) को अपडेट करने की घोषणा कर दी है. एनपीआर भारत में रहने वाले निवासियों का एक रजिस्टर है, जो पिछले 6 महीने से देश में मौजूद हैं, चाहे वो देशी नागरिक हों या विदेशी नागरिक.

कांग्रेस के आरोप

केंद्र सरकार द्वारा नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने की घोषणा के साथ ही कांग्रेस इसके विरोध में उतर आई. कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस कहा कि बीजेपी सरकार की ये कोशिश खतरनाक है और संविधान की धर्मनिरपेक्ष अवधारणा के विपरित है. AIMIM सांसद ओवैसी ने तो यहां तक कह दिया है कि NRC एनपीआर की ओर पहला कदम है.

कांग्रेस के विरोध के बाद बीजेपी ने ताबड़तोड़ जवाबी हमले शुरू कर दिए. बीजेपी के नेताओं और प्रवक्ताओं ने दावा किया एनपीआर कांग्रेस की ही देन है और बीजेपी सिर्फ इसके आगे बढ़ा रही है. अजय माकन ने भी माना कि कांग्रेस की सरकार ने ही इसे शुरू किया था, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार की मंशा को स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस ने इसे NRC से नहीं जोड़ा था. जबकि बीजेपी इसे NRC से जोड़ रही हैं.

एनपीआर के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के दौरान एनपीए को पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार जब इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाई तो इसका उद्देश्य आवासीय कार्यक्रमों के लिए करना था. खड़गे ने कहा कि एनपीआर के बहाने गरीब लोगों को तंग किया जाएगा, उन्होंने से कठोर कानून कहा. खड़गे ने कहा कि ये एनआरसी की दिशा में एक कदम है. उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है, वे अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक कानून ला रहे हैं.

BJP का जवाब

कांग्रेस के आरोपों को काटते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने 2004 से 2014 के बीच कई वीडियो पेश किए. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि तब की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2011 में जनसंख्या की गिनती के लिए अपना डाटा दिया था, तब इसी आंकड़े का इस्तेमाल पहली बार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR)के लिए किया गया था. अब यही कांग्रेस इसी का विरोध कर रही है और हिंसा को भड़काने की कोशिश कर रही है.

अमित मालवीय ने यूपीए सरकार के दौरान गृह मंत्री का पद संभाल रहे पी चिदंबरम का भी एक वीडियो उन्होंने पोस्ट किया. अमित मालवीय ने दावा किया कि ये वीडियो 2010-11 का है जब वे नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को लॉन्च कर रहे थे. इस वीडियो में पी चिदंबरम ने कह रहे हैं, “मानव जाति के इतिहास में पहली बार हम 120 लोगों की पहचान, गिनती और रिकॉर्ड बनाने की शुरूआत करने जा रहे हैं और अंत में हम उन्हें एक आई कार्ड जारी करेंगे.”

NRC/CAA का समर्थन और विरोध

CAA, NRC, NPR पर जारी चर्चा के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार नागरिकता कानून और नेशनल सिटिजन रजिस्टर का जोरदार देखने को मिला. विरोध की अगुवाई करने खुद सीएम कमलनाथ आए. कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की संस्कृति सभी धर्मों को जोड़ने की रही है.

उन्होंने कहा कि अब ये सवाल नहीं है कि NRC और CAA पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री क्या बोल रहे हैं, वे दोनों ही अलग अलग बातें कर रहे हैं. सवाल ये है नहीं है कि इस कानून में क्या शामिल किया गया है, सवाल ये है कि इस में क्या शामिल नहीं किया क्या है. कमलनाथ ने कहा कि सीएए और एनआरसी जैसी अवधारणाओं के जरिए संविधान की मूल भावना से खिलवाड़ किया जा रहा है.

मुंबई में CAA के समर्थन में रैली

भोपाल से इतर मुंबई में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जोरदार रैली आयोजित की गई. मुंबई के चेंबूर और वडाला में बुधवार को बीजेपी ने सीएए के समर्थन में मार्च निकाला. इस मार्च में तिरंगा लेकर बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. मार्च में शामिल बीजेपी विधायक तमिलसेल्वन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे हैं.  उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के हर धर्म के नागरिक के विकास के लिए यह कानून पास किया गया है. न की किसी को नुकसान देने के लिए इसे लाया गया है.






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