CAA: मंगलोर हिंसा: BJP विधायक बोले- निर्दोष नहीं थे मृतक, मुआवजा वापस हो

कर्नाकट के मंगलोर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी. इसे लेकर सियासत भी गरमा गई है. बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल ने कहा है कि मंगलोर में जो लोग मारे गए हैं वो निर्दोष नहीं थे. वे भीड़ का हिस्सा थे.

बीजेपी विधायक यत्नाल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मांग करता हूं कि वो मृतकों के परिजनों के लिए घोषित 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा को वापस लें. जो लोग भीड़ का हिस्सा होते हैं, उन्हें मुआवजा नहीं मिलना चाहिए. इसे रोकना होगा.

मंगलोर में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक होने के बाद पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी. इनमें एक 23 साल का नौजवान नौसीन था, जबकि दूसरा शख्स 49 साल का जलील था.

मृतकों के परिजन पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं. नौसीन के भाई ने कहा है कि उनका भाई अपने काम से गया था, लेकिन पुलिस ने उसे निशाना बना दिया. जलील के परिवार ने भी पुलिस के एक्शन पर सवाल उठाए हैं. हालांकि, पुलिस बार-बार यह दावा कर रही है कि प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी, इस दौरान दोनों पुलिस की गोली के शिकार हो गए.

10-10 लाख मुआवजे का ऐलान

इन दोनों ही लोगों की मौत के बाद कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने उनके परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. लेकिन अब बीजेपी के विधायक ही अपनी पार्टी की सरकार के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. विधायक यत्नाल ने मरने वाले लोगों को निर्दोष न कहते हुए ये भी कहा कि वो सीएम येदियुरप्पा से मुआवजा रद्द करने की मांग करेंगे.





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