किसानों के साथ बैठक में सरकार की ओर से क्या उठाए जा सकते हैं कदम ?

संभावना है कि इस मीटिंग में MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर किसानों को आश्वस्त करने का प्रयास होगा. उनकी तीनों क़ानूनों को लेकर शंकाओं को दूर किया जाएगा. उन्हें हर स्तर पर भरोसा दिया जाएगा कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. 

नई दिल्ली: 

Farmers Protest : पांच दिनों से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protests) को शांत कराने की कोशिश में केंद्र सरकार (Modi Government) ने मंगलवार को किसान संगठनों से बातचीत करने की तैयारी की है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि यह बैठक एक दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है. 13 नवंबर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है. हालांकि, इसके पहले कई किसान संगठनों ने सुबह 11 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.

लेकिन इसके पहले अनुमान लगाए जा रहे हैं कि सरकार की ओर से बातचीत में क्या संभव है. संभावना है कि इस मीटिंग में MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर किसानों को आश्वस्त करने का प्रयास होगा. उनकी तीनों क़ानूनों को लेकर शंकाओं को दूर किया जाएगा. उन्हें हर स्तर पर भरोसा दिया जाएगा कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. 

बीजेपी मुख्यमंत्रियों की ओर से एमएसपी और मंडी को लेकर बयान दिलाया जा सकता है. तीनों कानून वापस नहीं होंगे, यह बताया जा सकता है. किसानों से आगे भी बातचीत जारी रहेगी, इसके लिए कोई समिति या अन्य व्यवस्था की पेशकश हो सकती है.

बता दें कि पहले सरकार की ओर से 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था. गृहमंत्री अमित शाह ने शर्त रखी थी कि किसानों को बातचीत के लिए बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा और दिल्ली की सीमाओं से हटना होगा. लेकिन सशर्त बातचीत के इस प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया था, जिसके बाद रविवार देर रात अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बड़े नेताओं के साथ मीटिंग की थी. अब सरकार ने सर्दी और कोरोना का हवाला देते हुए किसानों को 3 दिसंबर से पहले ही बातचीत का न्यौता दिया है. लेकिन देखना होगा कि इस बैठक में सरकार के एजेंडे पर क्या है.

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