मुंबई में तटीय सड़क बनने का रास्ता साफ, SC ने दी मंजूरी

मुंबई में तटीय सड़क बनाने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार, एलएंडटी को सड़क परियोजना का निर्माण शुरू करने की मंजूरी दे दी है. चीफ जस्टिस एसए बोवडे की अदालत में आधा घंटा से ज्यादा सुनवाई चली. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मुंबई हाई कोर्ट के इस विचार से सहमत नहीं कि इसके लिए पहले पर्यावरण क्लियरेंस की जरूरत होगी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने तटीय सड़क परियोजना को दी गई सीआरजेड मंजूरी को रद्द कर दिया था.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई नगर निकाय की 14,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी तटीय सड़क परियोजना को प्रदान की गई तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मंजूरी रद्द कर दी थी.

पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं का विरोध

मुंबई नगर निकाय की महत्वाकांक्षी तटीय सड़क परियोजना का पर्यावरणवादी कार्यकर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं. उनकी ओर से कहा जा रहा था कि सड़क बनाने के लिए समुद्र में सीमेंट या कंक्रीट डाला जा रहा है.

सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह और कोलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि यह अपरिवर्तनीय है और इस परियोजना से पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचेगा.

बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोवडे ने सवाल किया कि महाराष्ट्र सरकार क्या विकास परियोजनाओं को पूरा किए बिना सड़क निर्माण कर सकती है? कोलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने से मना कर दिया था. उनके पास तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) क्लिरयेंस नहीं था.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने मुंबई में तटीय सड़क परियोजना को बहाल करने के लिए शीर्ष अदालत से अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया था. कोर्ट के समक्ष सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि 30 किलोमीटर लंबी तटीय सड़क परियोजना 2018 में आरंभ की गई थी और उसे पूरा करने की समयसीमा 2022 है. नगर निकाय और अन्य को अपने जोखिम पर काम फिर से शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए.




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